Farmer Protest: सुप्रीम कोर्ट की कोशिश नाकाम, किसान मोर्चा ने SC द्वारा गठित कमेटी से बात करने से किया इनकार

Farmer Protest: सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से बात करने के लिए जो कमेटी बनाई थी, किसान मोर्चा ने उस कमेटी से बातचीत करने से साफ इनकार कर दिया है और कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दखल नहीं दे।;

Update: 2025-01-01 14:39 GMT
Farmer Protest
किसानों का प्रदर्शन।
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Farmer Protest: किसानों के प्रदर्शन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी से बातचीत करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने इस कमेटी को किसानों को समझाने बुझाने और समझौता करने के लिए बनाई थी, ताकि धरना प्रदर्शन खत्म किया जा सके, लेकिन किसान मोर्चा ने अपना फैसला साफ कर दिया है। किसानों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दखल नहीं दे, हम उनके द्वारा बनाई गई कमेटी से बातचीत नहीं करने वाले हैं। किसान अभी भी अपनी मांगों पर ही अड़े हैं और साफ कर दिया है कि रास्ता सिर्फ बातचीत से नहीं निकलेगा, जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा।

36 दिनों से अनशन पर बैठे हैं किसान

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 36 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं। वे खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखने के लिए दिल्ली कूच की तैयारी में थे, लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें खनौरी बॉर्डर पर ही रोक दिया। इसके बाद से ही किसान यहां से हिलने का नाम नहीं ले रहे हैं और धरने पर बैठ गए हैं। खनौरी बॉर्डर हरियाणा और पंजाब के बीच है, जहां किसान 26 नवंबर से धरना दे रहे हैं। स्थिति को काबू में लाने के लिए और किसानों का अनशन खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप किया था और सीमा पर मोर्चाबंदी के संदर्भ में हाई लेवल कमेटी का गठन किया था।

डल्लेवाल ने 4 जनवरी को बुलाई महापंचायत

कोर्ट द्वारा निर्मित कमेटी ने 3 जनवरी को किसानों से बातचीत के लिए निमंत्रण भेजा था, लेकिन किसानों ने ना सिर्फ निमंत्रण को ठुकरा दिया है, बल्कि यह चेतावनी भी दे दिया है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए। दूसरी ओर किसानों ने 4 जनवरी को  महापंचायत बुलाई है। किसान नेता डल्लेवाल भले ही बेड पर पड़े हुए हैं, लेकिन वह खून के आखिरी कतरे तक लड़ने का कसम खा चुके हैं। यह महापंचायत डल्लेवाल ने ही बुलाई है, उन्होंने कहा कि वह किसानों से कुछ जरूरी बात करना चाहते हैं।

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