Farmers Protest: शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर लंबे समय से किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। एक तरफ खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 45 दिनों से आमरण अनशन पर हैं और दूसरी तरफ शंभू बॉर्डर पर किसान 11 महीनों से आंदोलन कर रहे हैं। आमरण अनशन पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत नाजुक बनी हुई है। अब वे बातचीत करने में असमर्थ हैं। किसानों और डॉक्टरों ने किसान नेता से मुलाकात के लिए लोगों से मना कर दिया है। वहीं शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों में से एक किसान ने सल्फास निगल लिया है।
किसान की हालत नाजुक
किसान नेता तेजबीर सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे 55 वर्षीय किसान रेशम सिंह ने सल्फास नामक जहर निगल लिया। वो पंजाब के तरनतारन जिले के पहूविंड का रहने वाला है। किसान केंद्र सरकार से नाराज था। शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर 11 महीने से चल रहे आंदोलन के बावजूद भी सरकार इसका समाधान नहीं निकाल पाई, इसके कारण वो नाराज था और उसने लंगर स्थल के पास जहर निगल लिया। किसानों को जैसे ही इस बारे में पता चला, तो पहले उसे प्राथमिक सहायता दी गई और फिर उसे पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
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14 दिसंबर को किसान रणजोध ने भी निगला था सल्फास
बता दें कि इससे पहले 14 दिसंबर को भी एक किसान रणजोध सिंह ने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली थी। किसानों को दिल्ली कूच से रोके जाने के कारण वो नाराज था और उसने जहर खा लिया था। चार दिन तक वो पंजाब के पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती रहा और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
डल्लेवाल की हालत नाजुक
वहीं खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन का 45वां दिन है। उनकी हालत भी नाजुक बनी हुई है। पंजाब सरकार और सुप्रीम कोर्ट की तरफ से उन्हें मेडिकल सुविधा लेने के लिए मनाया जा रहा है लेकिन वे किसी की बात सुनने को तैयालर नहीं हैं। किसान नेता की हालत नाजुक बनी हुई है। उनका ब्लड प्रेशन लगातार गिरता जा रहा है। अब वे बात करने और किसी से भी मुलाकात करने में असमर्थ हैं।
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