रेवाड़ी। रबी के सीजन में सरसों में पानी दे रहे काफी किसानों के सामने यूरिया का संकट खड़ा हो गया है, जबकि गेहूं की फसल की बिजाई कर रहे किसानों को डीएपी नहीं मिल पा रहा है। नई अनाज मंडी स्थित खाद केंद्रों में किसान रोजाना चक्कर लगाकर खाली लौट रहे है। अनाजमंडी के तीन सरकारी खाद केंद्रों में यूरिया व डीएपी नहीं है। किसानों को प्राइवेट खाद विक्रेताओं से खाद खरीदना पड़ रहा है। किसानों के अनुसार प्राइवेट खाद विक्रेता प्रति बैग पर मूल्य से अधिक पैसे लेकर कीटनाशक भी थोप रहे हैं। कृषि विभाग कार्यालय में भी इसकी शिकयतें पहुंच रही है।

जरूरत के हिसाब से नहीं आया खाद

इस सीजन में सरसों बिजाई करीब 72 हजार हेक्टेयर तथा गेंहू की बिजाई 35 हजार हेक्टेयर में की जा रही है। जिले में प्रति वर्ष रबी के सीजन में करीब 20 हजार एमटी डीएपी व 40 हजार एमटी यूरिया की जरूरत होती है। इस सीजन में डीएपी खाद की मांग 19 हजार 500 एमटी व यूरिया की 40 हजार एमटी है। कृषि विभाग के अनुसार जिले में अभी तक 10 हजार एमटी डीएपी व 13 हजार एमटी यूरिया आया है। फिलहाल यूरिया नहीं होने से किसान खाद केंद्रों के चक्कर लगा रहे है।

इस सप्ताह यूरिया आने की संभावना

नई अनाज मंडी स्थित कृभको व इफको खाद केंद्रों पर रोजाना 25 से 30 किसान यूरिया लेने के लिए पहुंच रहे है तथा काफी देर इंतजार करने के बाद वापस लौट रहे है। कई दिनों से यहां खाद का स्टॉक खत्म होने से किसान परेशान है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यूरिया के लिए डिमांड भेजी हुई है। तीन-चार दिन में खाद आने की संभावना है।

महंगी खाद बेच रहे विक्रेता

किसान यूनियन चढूनी के प्रधान समय सिंह ने आरोप लगाते हुए बताया कि यूरिया खाद का एक बैग 270 रुपए में मिलता है, लेकिन प्राइवेट खाद विक्रेता उस बैग को 350 रुपए तक बेच रहे हैं। इसके साथ ही किसानों को कीटनाशक दवाई लेने के लिए मजबूर किया जा रहा हैं।

पैदावार बढ़ाने के लिए यह अपनाएं

खंड कृषि अधिकारी डा. अनिल यादव ने बताया कि किसान सरसों की अच्छी ग्रोथ व पैदावार के लिए एक एकड़ में 25 किलो डीएपी सा 75 किलो एसएसपी तथा 6 से 8 किलो सल्फर जरूर डाले। इससे तेली की मात्रा बढ़ती है और पैदावार बढ़ने के साथ पाले के नुकसान में भी मदद मिलेगी तथा 90 किलो के करीब यूरिया डाले। इसके अलावा गेहूं की फसल में एक एकड़ में 50 किलो डीएपी, 110 किलो यूरिया, 10 किलों जिंक व 20 किलो पोटाश का इस्तेमाल करें।

किसानों की जरूरत को देखते हुए यूरिया के डिमांड भेजी हुई है। जल्द ही खाद की समस्या को समाधान किया जाएगा। जो भी प्राइवेट खाद विक्रेता किसानों को महंगे दामों पर खाद बेच रहे हैं। ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ शिकायत आने पर कृषि विभाग की ओर से कार्रवाई की जा रही है।