चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी की प्रशंसा करते हुए पंजाब के किसानों के आंदोलन के तरीकों पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं। किसान नेता ने गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा था कि हम चुनाव लड़कर देश की संसद में जाएंगे तथा लोकसभा व राज्यसभा में किसानों की समस्याओं को उठाकर उनका समाधान करवाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा 12 फसलों पर एमएसपी के साथ किसानों को कई सुविधाएं दे रहा है। पंजाब में केवल दो से तीन फसलों पर ही एमएसपी है। किसानों की मांग जायज बताने वाले भंगवत मान हरियाणा की तर्ज पर पंजाब के किसानों एमएसपी व अन्य सुविधाएं क्यों नहीं दे रहे। पंजाब के किसानों को चाहिए कि वे पहले भगवंत मान सरकार से हरियाणा की तर्ज पर एमएसपी व सुविधाएं मांगें। जिससे उनकी अधिकतर समस्याओं का वहीं समाधान हो सकता है। मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा के किसान लंबे समय से अपने हिस्से का एसवाईएल का पानी मांग रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट भी हरियाणा के किसानों के हक में फैसला दे चुका है। पंजाब सरकार हरियाणा के हिस्से का पानी पाकिस्तान भेज रही है। ऐसे में हरियाणा के किसानों की साथ आने से पहले एसवाईएल का पानी मांगने की मांग में गलत क्या है। हरियाणा के किसान केवल अपना हक ही तो मांग रहे हैं।

ट्रेन व बसों की सुविधा पर्याप्त

मुख्यमंत्री ने पंजाब के किसानों के आंदोलन पर सवाल उठाते हुए कहा कि पंजाब से कई ट्रेनें व बसें दिल्ली जाती हैं। ट्रैक्टर, क्रेन व जेसीबी तथा एक-एक साल का राशन लेकर जाने का तरीका सही नहीं हो सकता। ट्रैक्टर खेती करने के लिए होता है तथा वहीं पर ट्रैक्टर का इस्तेमाल करना चाहिए। ट्रांसपोर्ट के रूप में ट्रैक्टर का प्रयोग करना सही नहीं है।

किसान नेता चढूनी ने यह कहा था

किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा था कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए वह चुनाव लड़ेंगे। चुनाव लड़कर जाने के बाद राज्यसभा व लोकसभा में किसानों की समस्याओं को उठाया जाएगा। इसी बयान के लिए मुख्यमंत्री ने किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी की स्पष्टता के लिए प्रशंसा की है।

हरियाणा नहीं केंद्र से हैं मांग 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पंजाब के किसानों केंद्र से मांग कर रहे हैं, हरियाणा सरकार से नहीं। 2020-2021 के किसान आंदोलन ने हरियाणा को बंधक बना लिया था। जिससे प्रदेश विशेषकर आंदोलन स्थल के आसपास के लोगों को समस्याएं हुए थे। प्रदेश में व्यापार, उद्योग धंधों व विकास का भी प्रभावित हुआ था। आंदोलन स्थल के आसपास आपराधिक घटनाएं भी बढ़ी थी। जिससे शांतिप्रिय माने जाने वाले हरियाणा प्रदेश की छवि को खराब हुई तथा प्रदेश को नुकसान उठाना पड़ा।

पत्रकारों को खुद ध्यान रखने की दी सलाह 

पंजाब सीमा पर किसानों के आंदोलन में पुलिस कर्मियों व मीडिया के लोगों के घायल होने पर मुख्यमंत्री ने चिंता जाहिर की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को खुद अपनी सुरक्षा का ध्यान रखने की सलाह भी दी।

हरियाणा 14 फसलों पर दे रहा एमएसपी, पंजाब सरकार भी करें ऐलान

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पंजाब सरकार हरियाणा से सीख लें। हरियाणा में किसानों की 14 फसलों पर एमएसपी देने के साथ किसानों के कल्याण के लिए भावांतर भरपाई, प्राकृतिक खेती, हार्वेस्टिंग, बागवानी जैसी कई येाजनाएं चलाई हुई है। हरियाणा से बड़ा राज्य होने का फर्ज निभाते हुए पंजाब सरकार को भी इसका तुरंत ऐलान करना चाहिए। ताकि पंजाब के किसानों को राहत मिल सके।

किसानों को पंजाब के मुख्यमंत्री के पास जाने की सलाह

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के किसानों को केंद्र सरकार से पहले हरियाणा की तर्ज पर अधिक से अधिक फसलें एमएसपी पर खरीदने तथा किसानों के कल्याण के लिए दूसरी योजनाएं चलाने के लिए पहले पंजाब के मुख्यमंत्री के पास जाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पंजाब में दो से तीन फसलें पर ही एमएसपी दे रही है। यदि पंजाब के किसान अपने राज्य की सरकार पर दबाव बनाए तो उनकी आधे से अधिक समसयाएं तो वहीं पर खत्म हो जाएंगी।

पहले एसवाईएल का पानी दे, फिर साथ देंगे हरियाणा के किसान

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा का किसान पंजाब से अलग होने के बाद से अपने हिस्से का एसवाईएल का पानी मांग रहा है। पंजाब पहले हरियाणा के किसानों को उनके हिस्से का एसवाईएल का पानी दें, फिर हरियाणा का किसान केंद्र से संबंधित मांगों को लेकर पंजाब के किसानों के साथ खड़ा होगा। केंद्र के पास जाने से पहले पंजाब के किसानों को राज्य सरकार से हरियाणा की तर्ज पर पंजाब के मुख्यमंत्री से एसपी व किसान कल्याण की योजनाएं लागू करने की मांग करने की सलाह दी।

राजनीति से प्रेरित डल्लेवाल का ब्यान

मुख्यमंत्री ने कहा कि आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाला का ब्यान पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है। किसानों की सभी मांगें केंद्र सरकार पर थोंपना तथा ट्रैक्टरों पर हथियार, क्रेन, जेसीबीस व एक साल तक का राशन लेकर चलना आंदोलन का सही तरीका नहीं हो सकता। किसान हित की बात करने वाले पंजाब के किसान हरियाणा के हिस्से के एसवाईएल के पानी की मांग पर कभी हरियाणा के किसानों का साथ क्यों नहीं देते।