Farmers Protest Impact on Haryana: पंजाब के किसान अपनी मांगों को लेकर तीसरे दिन भी हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर डटे हैं। किसान नेताओं का कहना है कि अगर आज सरकार ने हमारी मांगों पर ठोस आश्वासन नहीं दिया तो हम हर बैरिकेडिंग को तोड़कर दिल्ली में घुस जाएंगे। किसान नेताओं का यह दावा कितना सच होगा, यह तो आने वाले समय में पता ही चल जाएगा, लेकिन तीन दिनों से पंजाब के किसानों और दिल्ली की केंद्र सरकार के बीच चल रही जंग में हरियाणा के लोग बुरी तरह से पिस रहे हैं। यही नहीं, 'आंदोलनजीवियों' की वजह से राज्य में हिंसा की आशंका भी बढ़ गई है। आइये जानते हैं कि किसान आंदोलन की वजह से लोगों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही, यह भी बताएंगे कि राज्य की मनोहर सरकार ने आंदोलनजीवियों से निपटने के लिए क्या रणनीति बनाई है। सबसे पहले बात करते हैं किसान आंदोलन से हरियाणा के लोगों को होने वाली दिक्कतों के बारे में...
कर्मवीरों पर भारी पड़ रहे आंदोलनजीवी
अंबाला का शंभू बॉर्डर हो या बहादुरगढ़ के पास का टिकरी बॉर्डर, कर्मवीरों यानी नौकरी, व्यवस्था आदि करने वाले लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है। अंबाला से चंडीगढ़ जाने वाले नौकरीपेशा हों या फिर बहादुरगढ़ से दिल्ली जाने वाले, सभी को लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है। यही नहीं, इस आंदोलन की वजह से हरियाणा बोर्ड की परीक्षा करने वाले स्टूडेंट्स भी खासे परेशान हैं। अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में पहले 13 फरवरी तक इंटरनेट बंद किया गया था, लेकिन किसानों के उग्र आंदोलन की आशंका के चलते इस पर पाबंदी 15 फरवरी तक के लिए बढ़ा दी है। मौजूदा हालात देखकर लगता नहीं कि अभी भी इंटरनेट सुविधा शुरू हो पाएगी या नहीं। ऐसे में आम लोगों के साथ ही बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को भी खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसके अलावा, आम लोगों को भी दोगुना किराया, समय की बर्बादी समेत कई दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है। वहीं, ट्रैफिक पुलिस को भी प्रदर्शनकारियों के रूख को देखते हुए रोजाना नया प्लान तैयार करना पड़ रहा है।
हिंसा भड़कने की भी आशंका
किसान आंदोलन के बीच हरियाणा में हिंसा होने की आशंका बढ़ रही है। कारण यह है कि दो दिन पहले जेल से छूटे गैंगस्टर लखा सिधाना 'आंदोलनजीवियों' के साथ नजर आया है। उसने किसानों को आंसू गैस के गोलों से निपटने और हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर की बैरिकेडिंग तोड़कर दिल्ली में घुसने का तरीका बताया है। उसके इस वीडियो से पता चलता है कि वो किसानों को भड़काना चाहता है। चूंकि दिल्ली सरकार भी अडिग है कि प्रदर्शनकारियों को राजधानी में नहीं घुसने दिया जाएगा। ऐसे में उपद्रवी हरियाणा की सीमाओं पर भी हिंसा कर सकते हैं। ऐसे में हरियाणा पुलिस और भी सतर्कता बरत रही है।
मनोहर सरकार आंदोलनजीवियों से निपटने में जुटी
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कुछ समय पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्ट कर दिया है कि हमारी सरकार आम लोगों की सुलभ आवाजाही चाहती है, लेकिन पिछले आंदोलन से हमने देखा है कि किसानों की मांग की आड़ में क्या कुछ हुआ था। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि दिल्ली जाना हर एक का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन ट्रेन, बसें, या अपने वाहन में जाना चाहिए। ट्रैक्टर परिवहन का साधन नहीं है। लोकतांत्रिक तरीके से ही किसानों की मांग पर चर्चा हो सकती है।
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