Farmers Rail Roko Movement: पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान 13 फरवरी, 2024 से आंदोलन कर रहे हैं। इसके बाद किसानों ने आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों की रिहाई की मांग को लेकर 17 अप्रैल से शंभू बॉर्डर पर रेल रोको अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया, जो अभी तक जारी है। अब शंभू बॉर्डर को खोलने का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है।
व्यापारियों ने की HC और ECI से की शिकायत
इसको लेकर प्रदेश के व्यापारियों ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को इसकी शिकायत की है। व्यापारियों ने अपनी शिकायत में लिखा कि 10 फरवरी, 2024 से शंभू बॉर्डर बंद होने चलते अंबाला, पंचकूला, करनाल और आसपास के जिलों की प्रमुख बाजारों पर खासा प्रभाव पड़ा है।
व्यवसाय को 70 प्रतिशत तक नुकसान
अब किसानों ने शंभू के पास रेलवे ट्रैक भी बंद कर दिया। व्यापारियों ने दावा किया कि बॉर्डर बंद होने के कारण व्यवसाय को 70 प्रतिशत तक नुकसान हो रहा है।
कर्मचारियों को वेतन देने में हो रही मुश्किल
व्यापारियों ने मुख्य न्यायाधीश और भारतीय चुनाव आयोग से सीमाएं खाली कराने की मांग की है। इस संबंध में व्यापारियों का कहना है कि वह अगले सप्ताह तक हाईकोर्ट में एक याचिका भी वह दायर करेंगे। व्यापारियों का दावा है कि आंदोलन शुरू होने के बाद से उनके व्यवसाय में भारी नुकसान हो रहा है। उनके पास अधिकतर ग्राहक पंजाब, हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों से आते हैं। ऐसे में बिक्री नहीं के कारण उन्हें अपने कर्मचारियों को वेतन तक देने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
बता दें कि किसान हरियाणा और पंजाब के खनौरी व शंभू बॉर्डर पर 13 फरवरी से प्रदर्शन कर रहे हैं। MSP पर गारंटी की मांग कर रहे किसानों ने इस दौरान कई बार दिल्ली आने की कोशिश की, लेकिन इस बार पुलिस ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया। आंदोलन के दौरान 9 किसानों समेत 12 लोगों की मौत भी हुई। इसके अलावा पुलिस ने कई किसानों को गिरफ्तार भी किया। अब किसान का गिरफ्तार हुए किसानों की रिहाई की मांग को लेकर रेल रोको आंदोलन जारी है।