Ambala: शंभू बॉर्डर पर दिल्ली कूच निरंतर टलने के बावजूद किसानों के हौसले बुलंद हैं। किसानों का कहना है कि अगर उन्हें दिल्ली कूच से रोका गया तो इस बार यहीं रहकर वे केंद्र सरकार को उनकी मांगें मानने पर विवश कर देंगे। उधर दिल्ली कूच टलने के बावजूद शंभू बॉर्डर पर किसानों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। खासकर ट्रैक्टर ट्रॉलियां लगातार नेशनल हाइवे पर खड़ी हो रही हैं। हाइवे पर करीब छह किलोमीटर के दायरे में किसानों ने अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियां खड़ी कर ली है।

कट्टों से बनाए जा रहे हैं मोर्चे

शंभू बॉर्डर पर अभी तो पिछले कई दिन से शांति है। न किसान कोई हरकत कर रहे हैं, न सुरक्षाबलों की ओर से टियर बम छोड़े जा रहे हैं। ऐसे में अब किसान बॉर्डर पर पड़े मिट्टी के सैकड़ों कट्टों से मोर्चे बना रहे हैं। इन मोर्चेों पर बैठकर ही वे पूरा दिन व्यतीत करते हैं। किसानों का कहना है कि अगर दिल्ली कूच को लेकर सुरक्षाबलों की ओर से उन पर टियर बम व रबर बुलेट्स चलाई गई तो वे मिट्टी के कट्टों की आड़ लेकर अपना बचाव कर सकते हैं। हालांकि बॉर्डर की सुरक्षा में डटे जवान सामने भी किसानों को कोई मौका नहीं देना चाहते। उनकी ओर से भी लगातार सुरक्षा प्रबंधों को मजबूत किया जा रहा है।

जरुरत पड़ी तो लेकर आएंगे पशु

दिल्ली कूच को लेकर किसान केंद्र सरकार पर हर संभव दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अब किसानों ने दिल्ली कूच को लेकर पशुओं को भी शंभू बॉर्डर पर लेकर आने की बात कही है। किसानों ने कहा कि जरूरत पड़ी तो अपने गांवों से गाय और दूसरे पशु लेकर आएंगे। उसके बाद देखेंगे कि गौरक्षा का दम भरने वाली हरियाणा की भाजपा सरकार गायों पर भी गोलियां चलाती है या नहीं? अगर पुलिस ने गायों पर गोलियां चलाई तो मनोहर सरकार की गौवंश पर की जाने वाली राजनीति बेनकाब हो जाएगी।

चार लेन में खड़े हो रहे हैं ट्रैक्टर

पिछले कुछ रोज से शंभू बॉर्डर पर निरंतर किसान पहुंच रहे हैं। बॉर्डर पर किसानों व सुरक्षाबलों के बीच टकराव टलने के बाद यहां किसानों की संख्या में गिरावट आई थी। मगर अब यहां निरंतर किसान पहुंच रहे हैं। शंभू बॉर्डर पर नेशनल हाइवे की चार लेन में छह किलोमीटर तक ट्रैक्टर ट्रॉलियों की लंबी लाइनें लगी हुई हैं। किसान नेताओं की माने तो अभी भी बॉर्डर पर दस हजार से ज्यादा किसान आंदोलन में डटे हैं। अब तो किसान परिवारों से बच्चे और महिलाएं भी उनका हौसला बढ़ाने के लिए यहां पहुंच रहे हैं। सबके लिए लंगर की खास व्यवस्था हो रही है।

रोडवेज को हो रहा रोज नुकसान

शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों की वजह से हरियाणा रोडवेज को निरंतर नुकसान हो रहा है। अब तक रोडवेज को करीब डेढ़ करोड़ का फटका लग चुका है। किसानों की वजह से बंद किए गए नेशनल हाइवे से रोडवेज को भी ज्यादातर रुटों पर बस सेवा बंद करनी पड़ी थी। अब चुनिंदा रुटों पर ही बस सेवा शुरू हो पाई है। सबसे ज्यादातर दक्कितें नौकरी पेशा लोगों को हो रही है। साथ ही कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। अगर आंदोलन ज्यादा लंबा चला तो रोडवेज समेत कारोबारियों के नुकसान में भी इजाफा हो जाएगा।

जल्द लिया जाएगा फैसला

किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि 29 तक दिल्ली कूच स्थगित किया गया है। जल्द ही सहयोगी किसान नेताओं से मीटिंग कर अगला फैसला लिया जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती, वे पीछे हटने वाले नहीं हैं। शंभू बॉर्डर पर न किसान कम हुए हैं, न ही हौसले कमजोर हुए। दिल्ली कूच की तैयारी पूरी है। सहमति के बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा। शंभू बॉर्डर पर रोज किसान पहुंच रहे हैं। दूसरी जत्थेबंदियां भी अपने स्तर पर सरकार पर दबाव बना रही है।