Fatehabad: अनाज मण्डी में बुधवार से गेहूं की आवक शुरू हो गई है। प्रदेश सरकार ने एक अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू करने की घोषणा की थी लेकिन मार्च माह में बारिश, ओलावृष्टि के बाद अप्रैल में गेहूं कटाई और मण्डियों में फसल आनी शुरू हो गई है। उधर, मौसम विभाग ने फिर मौसम बिगड़ने की भविष्यवाणी कर गेहूं उत्पादक किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है। मौसम विभाग के अनुसार 12 से 15 अप्रैल तक दो पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने के कारण तेज हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना बन रही है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी किसानों के लिए जख्मों पर नमक छिड़कने से कम नहीं है।
मार्च में 7 बार सक्रिय हुआ पश्चिमी विक्षोभ
बता दें कि मार्च माह में 7 बार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ, जिससे दक्षिण हरियाणा में गेहूं व सरसों की फसल को काफी नुकसान हुआ। हालांकि फतेहाबाद व आसपास के जिलों में इससे नुकसान ज्यादा नहीं है। प्रदेश सरकार ने एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू कर रखी है। इस समय आ रही गेहूं में नमी की मात्रा 20 फीसदी से ज्यादा है जबकि प्रदेश सरकार की खरीद एजेंसियां 12 फीसदी नमी वाली गेहूं की खरीद कर रही है। प्रदेश सरकार ने इस साल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपए घोषित कर रखा है। अब सप्ताहभर से मौसम बिलकुल साफ है। ऐसे में अगेती गेहूं वाले किसानों ने मण्डियों में गेहूं लानी शुरू कर दी है।
गेहूं कटाई का जोरों पर चल रहा काम
फतेहाबाद के अलावा टोहाना, रतिया, जाखल मण्डियों व खरीद केन्द्रों पर गेहूं की आवक हो चुकी है। खेतों में कम्बाईन द्वारा गेहूं कटाई का काम जोरों पर है। हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग ने बुधवार को एक बुलेटिन जारी कर बताया कि 15 अप्रैल तक मौसम परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इस दौरान 12 अप्रैल तक बीच-बीच में आंशिक बादल छाए रहेंगे और हवाएं चलेंगी, परंतु एक ओर पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से 13 अप्रैल रात्रि से 15 अप्रैल के दौरान तेज हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना है, जिससे रात्रि के तापमान में बढ़ोतरी होगी। तेज हवाएं चलने से खेतों में खड़ी गेहूं की फसल बिछने की आशंका से किसान चिंतित नजर आ रहे हैं।
आढ़तियों व खरीद एजेंसी के बीच निपटा जीएसटी विवाद
बुधवार को आढ़तियों व खरीद एजेंसी में जीएसटी को लेकर विवाद निपट गया और सरसों की खरीद शुरू हो गई। हरियाणा वेयर हाऊस ने सरसों की खरीद की। व्यापार मंडल अनाज मण्डी के प्रधान जगदीश भादू ने कहा कि सरसों पर प्रदेश सरकार 5 फीसदी जीएसटी वसूल करती है। अन्य फसलों पर जीएसटी उन्हें कुछ दिनों में वापस मिल जाता है लेकिन सरसों पर 3 महीने की शर्त लगाई गई थी। अब खरीद एजेंसी ने आश्वासन दिया कि आढ़ती को जीएसटी के रूप में काटे गए टैक्स का पैसा जल्द ही वापस मिल जाएगा। इसके बाद सरसों की खरीद शुरू हो गई। बता दें कि जीएसटी को लेकर सोमवार व मंगलवार को आढ़तियों ने सरसों की खरीद बंद रखी थी।