Fatehabad : धुंध व कड़ाके की ठंड से टमाटर, आलू व बैंगन की फसल पर मंडराया खतरा 

कोहरे को देखते हुए टमाटर उत्पादक किसानों द्वारा भारी आवक लाने से देसी टमाटर के दाम घटे और मात्र 10 रुपए प्रति किलो तक आ गए। ठंड के कारण सब्जी उत्पादक किसानों को फसल खराब होने का खतरा सता रहा है।;

Update: 2023-12-26 14:11 GMT
Horticulture Department official Dr. Ritika inspecting melon and watermelon crops in the fog
धुंध में खरबूजा व तरबूज की फसल का निरीक्षण करती बागवानी विभाग की अधिकारी डॉ. रितिका।
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Fatehabad : पिछले तीन दिनों से क्षेत्र में पड़ रही धुंध व कड़ाके की सर्दी के कारण सब्जियों की फसल पर खतरा मंडरा रहा है। तापमान के थोड़ा-सा ओर गिरते ही टमाटर, आलू, बैंगन व मिर्च की फसल नष्ट हो सकती है। हाल ही में बिजाई किए गए तरबूज व खरबूजा की फसल को भी इस मौसम से नुकसान बताया गया है। बागवानी विभाग ने इसको लेकर सब्जी उत्पादक किसानों को चेताया है। बता दें कि कोहरे को देखते हुए टमाटर उत्पादक किसानों द्वारा भारी आवक लाने से देसी टमाटर के दाम 10 रुपए प्रति किलो तक आ गए हैं।

हजारों एकड़ भूमि में लगाई गई हैं सब्जियां

जिला में करीब 150 एकड़ भूमि पर टमाटर, 750 एकड़ में आलू, 425 एकड़ में गोभी, 80 एकड़ में बैंगन, 150 एकड़ मटर, 120 एकड़ में खीरा, 350 एकड़ में मूली, 80 एकड़ में प्याज, तरबूज और खरबूजा 235 एकड़ व 650 एकड़ में अन्य सब्जियों की बिजाई हुई है। पहले दिसम्बर माह में मौसम में ज्यादा गर्मी के कारण इसके पकने पर संकट मंडरा रहा था। अब एकाएक पड़ी धुंध व तापमान में आई गिरावट से सब्जियों की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। धुंध व सर्दी का मौसम दिसम्बर से लेकर जनवरी तक रहता है। कोहरा पड़ने पर सबसे पहले सब्जी वाली फसलों की पत्तियां प्रभावित होती हैं। इसके बाद टहनियां व बाद में पौधे पर लगी सब्जियों पर असर पड़ता है। ठंड बढ़ने पर इन सब्जियों के पौधे सूखने लगते हैं। 

सब्जी की फसल पर धीरे धीरे पड़ेगा ठंड का प्रभाव 

ठंड का असर सब्जियों के पौधों पर धीरे धीरे देखने को मिलेगा। पौधों पर पहले काले व भूरे दानेदार धब्बे बनते हैं। फिर उसी तरह सब्जियों के फलों पर छोटे धब्बे बनते हैं। खास बात यह है कि कोहरे का सब्जी की फसल पर असर तुरंत नहीं होता। एक सप्ताह बाद फसलों पर कोहरे के कारण दाग और धब्बे दिखाई देना शुरू होते हैं। इसलिए किसानों को चाहिए कि फसलों को बचाने के लिए समय रहते फंफूदनाशक रसायन का छिड़काव करें। बता दें कि खरबूजा व तरबूज की बिजाई हाल ही में की गई है। जिले के एमपी रोही गांव में ताइवान की वैरायटी बॉबी खरबूजे का काफी उत्पादन होता है। इसकी बिजाई दिसम्बर में होती है और अप्रैल के प्रथम सप्ताह में यह बाजार में आ जाता है। बिजाई के साथ ही तापमान में गिरावट से इसके उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है। टमाटर खराब होता देख किसानों ने खेतों में खड़ा कच्चा-पक्का टमाटर ही तोड़कर मण्डियों में बेचना शुरू कर दिया है। 

सब्जियों को बचाने के लिए खेत के चारों ओर करें धुंआ

सब्जियों को पाले व सर्दी से बचाने के लिए समय-समय पर हल्की सिंचाई करें और खेत के चारों तरफ धुंआ करें, जिससे धरती का तापमान बढ़ेगा और यह सब्जी की फसलों के लिए लाभकारी है। रात के समय सब्जियों के पौधों को प्लास्टिक की पन्नियों से ढक दें। जिन किसानों की सब्जियों की पनीरी तैयार है, उन्हें ठंड से बचाने के लिए प्लास्टिक या पुराल से ढके। सर्दी व पाले से बचाव के लिए जो किसान लो-टनल तकनीक का इस्तेमाल करता है, उनकी सब्जियों को कम नुकसान होता है।

अगले 3 दिन उत्तर पश्चिम हवाएं चलने से बढ़ेगी ठंड

मंगलवार को भी फतेहाबाद में ठंड का प्रकोप जारी रहा। अलसुबह धुंध तो दोपहर को निकली धूप से लोगों को राहत मिली। मंगलवार को यहां का न्यूनतम तापमान 4 डिग्री व अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अगले 3 दिन तक उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने से रात के तापमान में ओर गिरावट आएगी। इससे ठंड में बढ़ोतरी होगी। इन दिनों दिन में धुंध छाई रहेगी। दोपहर को धूप निकलने के भी आसार है। हालांकि यह ठंड गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद जबकि अन्य फसलों के लिए नुकसानदेह बताई गई है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के मौसम विभाग के अध्यक्ष डॉ. एमएल खिचड़ के अनुसार 30 दिसम्बर तक मौसम परिवर्तनशील परंतु खुश्क बना रहने की संभावना है। इस दौरान बीच-बीच में बादल छाए रहेंगे।

 

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