Rewari : मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भी सुबह और शाम के समय कोहरा छाया रहा। विजीबिलिटी कम होने के कारण कई स्थानों पर वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए। इन हादसों में दंपति सहित चार लोगों की मौत हुई, जबकि महिला सहित पांच लोग घायल हो गए। कई स्थानों पर कोहरे की दृश्यता 20 मीटर से भी कम रही।
दो दिन में चार की मौत
गत सोमवार को सुबह के समय घना कोहरा छाने से कई सड़क हादसे हुए थे। इनमें एक दुकानदार की मौत हो गई थी। मंगलवार को दूसरे दिन भी कोहरे का प्रकोप बना रहा। सुबह 8 बजे तक कई इलाकों में घना कोहरा छाया रहा। साबी नदी पुल के पास पिकअप पेड़ से टकराने से चार लोग घायल हो गए, जबकि दिल्ली रोड पर कार दुर्घटनाग्रस्त होने से एक महिला घायल हो गई। चांदनवास के पास ट्रैक्टर की चपेट में आने से मोपेड सवार की मौत हो गई।
मोपेड चालक की हुई मौत
धारूहेड़ा में हीरो कट के पास बाइक की चपेट में आकर एक युवक की मौत हो गई। सड़कों पर रोड इंजीनियरिंग पर ध्यान नहीं दिए जाने के कारण कोहरा
बढ़ने के साथ ही हादसों की संख्या बढ़ने के पूरे आसार हैं। नेशनल हाइवे से लेकर लोक निर्माण विभाग तक की सड़कों पर कोहरे में हादसों से बचाव के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। कई इलाकों में टूटी सड़कों के कारण हादसों की आशंका बनी रहती है।
ट्रैक्टर की चपेट में आया मोपेड सवार चांदनवास निवासी मनोज सुबह के समय मोपेड से अपने खेत में जा रहा था। खेड़ा के निकट ट्रैक्टर ने मोपेड को टक्कर मार दी, जिससे वह ट्रॉली के नीचे आ गया। हादसे के बाद ट्रैक्टर चालक फरार हो गया। आसपास के लोगों ने उसे बाहर निकालकर एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया। ट्रॉमा सेंटर में मनोज को मृत घोषित
कर दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। ट्रैक्टर चालक के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद उसकी तलाश शुरू कर दी।
बाइक की टक्कर से युवक की मौत
मालपुरा के डेंटल कॉलोनी में रहने वाला मूल रूप से बिहार के नालंदा निवासी 35 वर्षीय दीपक बीयर फैक्ट्री में श्रमिक था। वह कंपनी से घर जाते समय हीरो कंपनी के पास दुकान से घर का सामान लेने के बाद रोड क्रॉस करने के लिए सड़क पर खड़ा था। इसी दौरान एक बाइक ने उसे टक्कर मार दी। उसके भाई ने उसे गंभीरावस्था में अस्पताल पहुंचाया। उपचार के दौरान दीपक ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। बाइक चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
दिव्यांग बहन और वृद्ध पिता का था सहारा
दीपक कंपनी में लेबर का कार्य करता था। शादी के कुछ समय बाद उसी पत्नी का निधन हो गया था। दीपक के कोई संतान नहीं है। उसके पिता 70 वर्षीय रामप्रसाद और बहन रिभा उसी के लिए हुए किराए के मकान में रहते हैं। बहन रिभा दिव्यांग है।
पत्नी की मौत के बाद दीपक ही पिता और बहन की देखरेख करता था। उसकी मौत से बहन और पिता दोनों को गहरा सदमा लगा है। दोनों को सहारा देने वाला दीपक दुनिया से जा चुका है।