सतीश सैनी, नारनौल। जमीन को कागजों में अनाधिकृत से अधिकृत दिखाकर चले इस खेल में तहसीलदार की कार्यशैली पर भी सवाल उठे है। एसीबी जांच में सामने आया है कि तहसीलदार ने विक्रेता व प्रॉपर्टी डीलरों के साथ मिलीभगत की और अनाधिकृत कृषि क्षेत्र को अधिकृत श्रेणी दिखाकर वसीकाएं को सितम्बर-2021 में पंजीकृत कर दी। ऐसी पांच वसीकायें पंजीकृत करने की चर्चा है। जब तहसीलदार के खिलाफ यह शिकायत हो गई तो बचाव के लिए इन वसीकाओं की ततीमा वसीका को साल 2021 के नवंबर व दिसम्बर माह में पंजीकृत कर दी गई। उनमें विक्रेता की प्रॉपर्टी आईडी 2429 का वर्णन किया हुआ है। ततीमा वसीकाओं में 'सहवन टाईिपंग की गलती से पेज नंबर एक में हैडिंग में और पेज नंबर तीन में स्तर नंबर पांच प्रोपर्टी आईडी नंबर 2442 सहवन लिखा गया, जबकि इसकी बजाय प्रॉपर्टी आईडी 2429 लिखा जाना था। वसीकाओं में प्रोपर्टी आईडी 2429 सही पढ़ा जाये।' लिखा गया तथा अपने आप को बचाने की कोशिश की गई।

जांच में यह आया सामने

सूत्र बताते है कि एसीबी जांच में सामने आया है कि वसीका नंबर 2798 व 2801 सितम्बर-2021, वसीका नंबर 2885,2892 व 2907 सितम्बर-2021, वसीका नंबर 3402,3405,3407 सितम्बर-2021 और 3952 व 3956 सितम्बर-2021 को पंजीकृत करते समय वसीका की प्रथम पृष्ठ के आरम्भ में जगह मुबईया प्रॉपर्टी टैक्स में आईडी नंबर 2442 पर विक्रेता ऋषिदत्त के नाम दर्ज है। डीटीपी नारनौल के 'लैंड शेड्यूल ऑफ अर्बन एरिया डिक्लेयर्ड यू/एस-7(ए)' में नहीं है। ऐसे में डीटीपी नारनौल से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है। किस्म वसीकाओं में वैयनामा प्लेन रिहायशी भगवान परशुराम कॉलोनी नजदीक वेयर हाउस नारनौल में है, लिखा हुआ है। नगर परिषद की प्रॉपर्टी टैक्स में आईडी नंबर 2442 के अनुसार यह प्रॉपर्टी आईडी ऋषिदत्त के नाम से तीन बीघा 13 बिस्वा करीब 11041 वर्ग गज कृषि योग्य भूमि व अनाधिकृत श्रेणी की प्रॉपर्टी आईडी बनाई हुई है। आरोप है, कि तहसीलदार विकास ने विक्रेता व प्रोपर्टी डीलरों के साथ मिलीभगत करके अपने पद का दुरूपयोग करते हुए अनाधिकृत कृषि क्षेत्र को अधिकृत श्रेणी दिखाकर वसीकाएं पंजीकृत की गई है। कारण, वसीकाओं में वर्णित प्रोपर्टी आईडी व साथ संलग्न प्रॉपर्टी आईडी अलग-अलग है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि अनाधिकृत एरिया की नामजद प्रॉपर्टी आईडी को वसीका करते समय सिस्टम असैप्ट नहीं करता था तथा वसीका रजिस्टर नहीं हो पाती।

प्रॉपर्टी आईडी 2442 अवैध, वसीकाएं नहीं होंगी पंजीकृत

प्रॉपर्टी आईडी 2442 अनाधिकृत श्रेणी की है। इस प्रॉपर्टी आईडी में वसीकाए पंजीकृत नहीं की जा सकती। विक्रेता ऋषिदत्त ने अमीष संघी व निलेश संघी वासी संघीवाड़ा, नवीन कुमार, धीरज कुमार, शिव कुमार व सुभाष यादव पटीकरा, रवि जांगिड़ केशवनगर और अनुराग मान मिश्रवाड़ा ने तहसीलदार विकास के साथ मिलीभगत करके अनाधिकृत श्रेणी कृषि भूमि भगवान परशुराम कॉलोनी की प्रोपर्टी आईडी 2442 में वसीकायें पंजीकृत करते समय ऋषिदत की प्रोपर्टी आईडी 2429 की नगर परिषद में जमा किए गए विकास शुल्क व अन्य शुल्क का भुगतान 267600 रुपये करके भुगतान रसीद और अप्रैल-2021 की एनडीसी संलग्न की हुई है। जिसकी वैधता 15 दिन की है। यदि प्रोपर्टी आईडी नंबर 2429 की भुगतान रसीद व एनडीसी उपरोक्त वसीकाओं के साथ नहीं लगाई जाती तो पंजीकृत करते समय प्रोपर्टी आईडी 2442 में ऑनलाइन पोर्टल नहीं उठाता और अनाधिकृत की वसीकायें पंजीकृत नहीं की जा सकती है। आरोपह है कि इस तरह तहसीलदार ने अपने पद का दुरूपयोग करके जमीन विक्रेता व प्रोपर्टी डीलरों द्वारा तैयार किए गए फर्जी रिकार्ड का उपयोग किया।

इस तरह गलती सुधारने का किया प्रयास

तहसीलदार द्वारा वसीका नंबर 2992,2994 व 2997 सितम्बर-2021, 4057 व 4058 सितम्बर-2021 तक विक्रेता ऋषिदत्त की अनाधिकृत कृषि क्षेत्र की प्रोपर्टी आईडी 2442 भगवान परशुराम कॉलोनी में पांच वसीकायें पंजीकृत की गई। जब तहसीलदार के खिलाफ अनाधिकृत क्षेत्र की वसीकायें पंजीकृत करने की शिकायत हो गई, तब उसने अपने बचाव के लिए इन वसीकाओं की ततीमा वसीका क्रमश 6643,6644 व 6645 दिसम्बर-2021 और 5727 व 5728 नवंबर-2021 को पंजीकृत की गई। तहसीलदार ने इन पांच ततीमा वसीकायें पंजीकृत की है। उनमें विक्रेता की प्रोपर्टी आईडी 2429 का वर्णन किया हुआ है। ततीमा वसीकाओं में 'सहवन टाईिपंग की गलती से पेज नंबर एक में हैडिंग में और पेज नंबर तीन में स्तर नंबर पांच प्रोपर्टी आईडी नंबर 2442 सहवन लिखा गया जबकि इसकी बजाय प्रोपर्टी आईडी 2429 लिखा जाना था। वसीकाओं में प्रोपर्टी आईडी 2429 सही पढ़ा जाये।' लिखा गया तथा अपने आप को बचाने की कोशिश की गई।

बची थी 27.34 वर्ग गज, फिर भी 706 वर्ग गज की पंजीकृत 

एसीबी की जांच पड़ताल में पता चला है कि ऋषिदत्त शर्मा की नगर परिषद द्वारा बनाई गई अधिकृत क्षेत्र की प्रोपर्टी आईडी 2429 में कुल रकबा 1200 वर्ग गज है। तहसीलदार द्वारा वसीका नंबर 512,513,514,515 व 516 जून-2021 के अनुसार कुल रकबा 1172.66 वर्ग गज जमीन की पहले ही जून-2021 को वसीकायें पंजीकृत की गई है। इस प्रोपर्टी आईडी में केवल 27.34 वर्ग गज जमीन ही बची हुई थी। एसीबी जांच में आरोप है कि तहसीलदार ने इस प्रोपर्टी आईडी में जमीन ना होते हुए भी वसीका नंबर 2992,2994 व 2997 सितम्बर-2021, 4057 व 4058 सितम्बर-2021 की ततीमा वसीकायें क्रमश: 6643,6644 व 6645 दिसंबर-2021 तथा 5727 व 5728 नवंबर-2021 कुल रकबा 706 वर्ग गज की पंजीकृत की है। तहसीलदार ने जो ततीमा वसीकाएं की, वे गलत की गई। क्योंकि जिस प्रोपर्टी आईडी को वे सहवन गलती (क्लीरिकल एरर) से लिखना भूलना बता रहे थे, उसकी सारी जमीन तो पहले उन्हीं द्वारा ही वसीकाओं के माध्यम से बेची जा चुकी थी।

क्या कहते है एसीबी इंस्पेक्टर 

एसीबी इंस्पेक्टर ईश्वरसिंह ने बताया कि नारनौल के तत्कालीन तहसीलदार विकास कुमार की सोमवार को हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी है। अब नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीं तहसीलदार कार्यालय में कार्यरत आरोपित क्लर्क को सोमवार अदालत में पेश किया गया, जहां आरोपित को दो दिन का पुलिस रिमांड सुनाया है।