Rewari: थाना खोल पुलिस ने धवाना में कोल्ड स्टोर बनाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपी आईसीडीपी के प्रोजेक्ट ऑफिसर बताए जा रहे हैं। दोनों ने मिलकर स्टोर निर्माण कार्य में लाखों रुपए का गबन किया है। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए दोनों आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। जल्द ही मामले में खुलासा करने का पुलिस ने आश्वासन दिया है।

कोल्ड स्टोर निर्माण का एसएफएसीएच फर्म को दिया था ठेका

पुलिस शिकायत में धवाना निवासी ज्ञानीरात ने बताया कि वह धवाना हर्ब्स फार्मर प्रोड्यूशर कंपनी लि. का डायरेक्टर है। 2019 में उसके पास मंजीत गोयत व संदीप श्योराण आए थे। उन्होंने खुद को महेंद्रगढ़ व रेवाड़ी जिले का परियोजना अधिकारी बताया था। दोनों ने उससे कहा कि वह अपनी कंपनी के नाम से आईसीडीपी स्कीम के तहत इंटीग्रेट पेक हाउस कोल्ड स्टोर लगवा सकता है। उसने उनकी बातों में आकर आवश्यक दस्तावेज पूरे करने के बाद कंपनी के खाते से बताई गई राशि ट्रांसफर कर दी। उसने पीएनबी में कंपनी के खाते से 2.40 लाख रुपए इन दोनों की बताई गई फर्म के नाम ट्रांसफर कर दिए। 21 फरवरी को विभाग की ओर से कोल्ड स्टोर लगाने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई, जिसमें किसान का हिस्सा 33.93 लाख और सरकार की सब्सिडी 219.27 लाख रुपए थी। दोनों ने बताया कि विभाग ने कोल्ड स्टोर निर्माण के लिए एसएफएसीएच फर्म को ठेका दिया है। जब दोनों से दस्तावेज मांगे तो उन्होंने कोई दस्तावेज नहीं दिए।

मनमाफिक फर्म से निर्माण कराने पर बिफरे आरोपी

ज्ञानीराम ने बताया कि उसने दोनों से कहा कि वह अपनी मनमाफिक फर्म से कोल्ड स्टोर का निर्माण कराएगा, तो दोनों आवेश में आ गए। आरोपियों ने कहा कि ऐसा करने पर वह विभाग में उच्च स्तर पर पहुंच होने के कारण उसका कोल्ड स्टोर निर्माण का मामला रुकवा देंगे। स्पाक में कार्यरत पंकज भादू ने बताया कि अगर वह मंजीत और संदीप के कहे अनुसार कोल्ड स्टोर का निर्माण नहीं कराएगा, तो वह उसका केस रुकवा देंगे। इसके बाद वह कोल्ड स्टोर निर्माण कराने के लिए तैयार हो गया। उसने कुछ ब्लैंक चेक भी दोनों को दे दिए।

घटिया निर्माण सामग्री लगाने का आरोप

ज्ञानीराम ने पुलिस शिकायत में बताया कि दोनों आरोपियों ने एलपी इंफ्रा कंपनी से कोल्ड स्टोर का निर्माण शुरू करा दिया। निर्माणकार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था। जब ठेकेदार को इसकी शिकायत की गई तो उसने काम बीच में छोड़ने की धमकी दी। निर्धारित अविध में कार्य भी पूरा नहीं किया गया। उसने आरोप लगाया कि उसकी ओर से दिए गए चेक का दोनों आरोपी दुरूपयोग कर रहे हैं। इससे वह मानसिक रूप से परेशान हो चुका है। पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी।