Rohtak: प्रदेश के सरकारी एवं सहायता प्राप्त मेडिकल एवं डेंटल कालेजों के एमबीबीएस व बीडीएस इंटर्नस के स्टाइपेंड में बढ़ोतरी के लिए एक बार फिर भावी चिकित्सकों का रोष देखने को मिला और एमडीयू में पहुंचे सीएम को घेर लिया। भावी चिकित्सकों ने सीएम को ज्ञापन देते हुए कहा कि प्रदेश के सरकारी मेडिकल और डेंटल कालेजों में पिछले 6 वर्ष से इंटर्स को मिलने वाले 17000 रुपए स्टाइपेंड में बढ़ोतरी नहीं हुई है, जबकि इस दौरान केंद्र सरकार के अधीन मेडिकल कालेजों में दो बार स्टाइपेंड में इजाफा किया जा चुका है। सीएम ने जल्द समाधान का आश्वासन दिया।
केंद्र सरकार के अधीन मेडिकल संस्थानों में स्टाइपेंड 30070 रुपए
भावी चिकित्सकों ने कहा कि केंद्र सरकार के अधीन मेडिकल संस्थानों में 30070 रुपए स्टाइपेंड के तौर पर दिए जा रहे हैं, जबकि हरियाणा राज्य के मेडिकल एवं डेंटल कालेजों में अभी भी केवल 17000 रुपए स्टाइपेंड मिलता है। एमबीबीएस और डेंटल इंटर्नस गत दो वर्षों से मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, एसीएस चिकित्सा शिक्षा सहित राज्य सरकार एवं हेल्थ यूनिवर्सिटी के तमाम आला अधिकारियों से अलग-अलग स्तर पर मुलाकात और पत्राचार के माध्यम से स्टाइपेंड में वृद्धि किए जाने की मांग उठा रहे हैं, किंतु अभी तक स्टाइपेंड में बढ़ोतरी नहीं की गई है जिससे विद्यार्थी काफी निराश हैं। सीएम नायब सैनी ने ज्ञापन लेते हुए कहा कि मामला वीसी की तरफ से आ चुका है। जल्द समाधान किया जाएगा।
केंद्र की तर्ज पर भावी चिकित्सकों को दिया जाए स्टाइपेंड
उल्लेखनीय है कि एमबीबीएस और डेंटल इंटर्नस ट्रेनी डॉक्टर्स के तौर पर दिन रात मरीजों की सेवा करते हैं और साथ में उच्च शिक्षा की तैयारी करते हैं, जिसके लिए कोचिंग इत्यादि का काफी अधिक खर्च होता है। इंटर्न डॉक्टर्स की मांग है कि उनके स्टाइपेंड को केंद्र सरकार की तर्ज पर बढ़ाकर 30070 रुपए किया जाए ताकि मरीजों की और बेहतर सेवा करने के लिए उनका मनोबल बड़े। भूतपूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी विद्यार्थियों को कई बार आश्वस्त किया था कि स्टाइपेंड में जल्द बढ़ोतरी की जाएगी। लेकिन अभी तक नहीं हुई।