Bahadurgarh: झज्जर-बहादुरगढ़ मार्ग पर चलते ऑटो में एक महिला की डिलीवरी हो गई। बच्चा मृत अवस्था में जन्मा। ऑटो चालक महिला को लेकर तुरंत अस्पताल पहुंचा, जहां चिकित्सकों ने बताया कि गर्भ में ही दो-तीन दिन पहले ही बच्चे की मौत हो चुकी थी। फिलहाल महिला की हालत खतरे से बाहर है लेकिन बेटे को खो देने के बाद से उसका रो-रोकर बुरा हाल है।
नागरिक अस्पताल जा रही थी गर्भवती महिला
उत्तर प्रदेश मूल निवासी पुष्पेंद्र लोवा खुर्द गांव में रहता है और दिहाड़ी-मजदूरी करता है। उसकी पत्नी सविता गर्भ से थी। शनिवार की सुबह उसे प्रसव पीड़ा हुई तो वह ऑटो के जरिये उसे बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल की ओर लेकर चला। रास्ते में जब एचएल सिटी के निकट पहुंचे तो पीड़ा बढ़ गई और सविता ने चलते ऑटो में ही शिशु को जन्म दे दिया। जब नागरिक अस्पताल में परिजन जच्चा-बच्चा को लेकर पहुंचे तो यहां चिकित्सकों और स्टाफ सदस्यों ने उनको संभाला। जांच के दौरान शिशु की धड़कन नहीं चल रही थी। इसके बाद उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं, महिला को भर्ती कर उसका उपचार शुरू किया गया। सविता की यह चौथी संतान थी। इससे पहले वह तीन बच्चियों को जन्म दे चुकी है।
गर्भ में ही हो चुकी थी बच्चे की मौत
संतान खो देने से सविता और अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। नागरिक अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अहिभूषण ने बताया कि जैसे ही उन्हें सूचना मिली तो तुरंत बच्चे को संभालने के लिए पहुंच गए। देखा तो बच्चे की धड़कन चालू नहीं थी। दशा ऐसी थी, मानों दो-तीन दिन पहले गर्भ के दौरान ही बच्चे की मौत हुई हो। ऐसी घटनाएं अक्सर जागरूकता के अभाव में होती हैं। समय-समय पर गभर्वती की जांच होनी चाहिए। डिलीवरी के वक्त तक पेट में बच्चा हलचल करता है। यदि हलचल न करे तो तुरंत गर्भवती को चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए। संभवत: इस केस में जागरूकता के अभाव के चलते इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया।