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Fatehabad: प्रदेश में वीरवार को सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर पूर्णत: हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान ओपीडी, डिलीवरी, एमरजेंसी सहित सभी तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं ठप्प रहेंगी। इतना ही नहीं, हड़ताल के दौरान डॉक्टर कोई पोस्टमार्टम भी नहीं करेंगे। यह हड़ताल हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएस) के बैनर तले हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल से लंबित मांगों पर सहमति बनने बावजूद कोई लिखित आदेश जारी नहीं होने के कारण सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों में नाराजगी है।

रात से बंद कर दी जाएंगी स्वास्थ्य सेवाएं

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ. भरत सिंह ने बताया कि उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो बुधवार रात से ही आपात सेवाओं के साथ तमाम स्वास्थ्य सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। 18 जुलाई को हुई बैठक में सरकार ने आश्वस्त किया था कि 25 जुलाई से पहले लिखित आदेश जारी कर दिए जाएंगे। वाहन भत्ता भी 500 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 3000 किया जाएगा। इसके लिए 25 जुलाई से पहले उचित प्राधिकारी से मंजूरी लेकर दी जाएगी। इसी कारण एसोसिएशन ने हड़ताल का फैसला वापस ले लिया था। परंतु सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया और मजबूरी में हड़ताल पर जाने का निर्णय लेना पड़ा है। इससे पहले डॉक्टर एक जुलाई को धरना प्रदर्शन कर चुके हैं और 15 जुलाई को दो घंटे तक ओपीडी में सेवाएं बंद कर चुके हैं।

इन मांगों पर बनी थी सहमति

18 जुलाई को हुई बैठक में एसीएस ने 4, 9, 13 साल की सेवा पर इंक्रीमेंट की अधिसूचना प्राप्त करने का आश्वासन दिया था, जबकि वर्तमान में एसीपी 5, 10, 15 साल पर दिया जाता है। इसके अलावा पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए बांड राशि एक करोड़ से घटाकर 50 लाख करने व सीधी एसएमओ भर्ती नहीं किए जाने पर सहमति बनी थी। फतेहाबाद में इस समय 24 पीएचसी और 3 नागरिक अस्पताल है, जिनमें प्रतिदिन हजारों लोग इलाज के लिए आते हैं। इन पीचएसी और अस्पतालों में 70 सरकारी डॉक्टर काम करते हैं। डॉ. भरत सिंह का कहना है कि हड़ताल के दौरान कोई भी डॉक्टर काम पर नहीं आएगा।

मेडिकल कर्मचारियों की लगाई ड्यूटी

डिप्टी सीएमओ डॉ. संगीता अबरोल ने कहा कि हड़ताल के दौरान एनएचएम के मेडिकल कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। एनएचएम के डॉक्टर बच्चों व महिला वार्ड में अपनी सेवाएं देंगे। हड़ताल के मद्देनजर रोहतक व अग्रोहा मेडिकल कॉलेज को सूचना दे दी गई है, ताकि जरूरतमंद मरीजों को वहां रेफर किया जा सके।