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किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी ने हाल में कहा था कि हमने कांग्रेस के लिए माहौल बनाया, लेकिन वो कैश नहीं कर पाए। अब चौतरफा घिरने के बाद स्पष्टीकरण दिया है, लेकिन हुड्डा पर उनका गुस्सा बरकरार है।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। उन्होंने फिर से भूपेंद्र हुड्डा को निशाने पर लिया है। किसान नेता ने इस बार हुड्डा की एक नहीं बल्कि पांच ऐसी गलतियां गिनवाई हैं, जिसकी वजह से कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में बुरी हार का सामना करना पड़ा है।

भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के प्रधान गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। मेरा कहना यह था कि हमारी वजह से जो माहौल बना, उससे कांग्रेस लाभ नहीं ले पाई। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन हमेशा से सत्ता के खिलाफ होता है और विपक्ष को लाभ मिलता है। लेकिन, कांग्रेस हार गई। उन्होंने कहा कि इसके लिए भूपेंद्र हुड्डा ही सीधे जिम्मेदार हैं। उन्होंने पांच गलतियां भी गिनवाई, जिसके कारण कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है।

भूपेंद्र हुड्डा की ये पांच गलतियां गिनवाई

गुरनाम सिंह चढ़ृनी ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा की पहली गलती यह है कि उन्होंने कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला जैसे नेताओं की अनदेखी की। दूसरी गलती किसान नेताओं को भी नजरअंदाज किया। यहां तक कि किसान आंदोलन के समय भी नहीं आए थे। किसान नेताओं ने चुनाव लड़ना चाहा, तो उसे नजरअंदाज कर दिया।

कुरुक्षेत्र की पिहोवा विधानसभा सीट से हार चुके गुरनाम चढ़ूनी ने आगे कहा कि कांग्रेस और आप के बीच भी गठबंधन नहीं हुआ, जिसके लिए भूपेंद्र हुड्डा ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा ने कांग्रेस के बागियों को हवा भी दी। उन्होंने कहा कि इन गलतियों के चलते ही पक्ष में माहौल होने के बावजूद कांग्रेस हार गई। उन्होंने कहा कि यह गलतियां न होती तो कांग्रेस को 70 सीटें मिलती, लेकिन हुड्डा नहीं चाहते थे कि कांग्रेस को बहुमत मिले। उन्होंने फिर से मांग की कि भूपेंद्र हुड्डा को विपक्ष का नेता नहीं बनाया जाना चाहिए।

कांग्रेस प्रत्याशी का भी ऐसा ही बयान

अंबाला कैंट विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे परविंद्र पाल परी ने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि इस सीट पर टिकट न मिलने के कारण चित्रा सरवरा ने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा और कांग्रेस के वोट बंट गए। भूपेंद्र हुड्डा ने उन्हें समझाने की बजाए उनका समर्थन तक कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि हुड्डा बहुमत नहीं चाहते थे। वे चाहते थे कि बागी प्रत्याशियों के जीतने पर पार्टी में शामिल कर सरकार बना लें ताकि उनका वर्चस्व बना रहे।

बीजेपी प्रवक्ता बोले- गुरनाम चढ़ूनी सिर्फ कांग्रेसी

भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी का कहना है कि गुरनाम सिंह चढ़ृनी ने साबित कर दिया है कि वे केवल भूपेंद्र हुड्डा से चिढ़े हैं, लेकिन कांग्रेस के प्रति उनका प्यार अटूट है। उन्होंने कहा कि अगर वे किसान नेता होते तो कर्नाटक में 1200 किसानों के सुसाइड पर बयान तो देते, लेकिन चुप्पी साध रखी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता पहले से समझ चुकी थी कि किसान आंदोलन के नाम पर षड्यंत्र रचा जा रहा है, इसलिए बीजेपी को भारी बहुमत से जीत दिलाई है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए आगे भी बीजेपी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध होकर विकास कार्य जारी रखेगी।

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