Gurugram MDA: साइबर सिटी गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) ने पानी, सीवर और बारिश के पानी की निकासी के लिए 700 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है। साथ ही सालाना रखरखाव के लिए लगभग 300 करोड़ रुपये का बजट भी तैयार किया गया है। लगभग एक हजार करोड़ रुपये का यह बजट अनुमोदन के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पास भेज दिया गया है।
सीएम के सामने रखा जाएगा प्रस्ताव
इस बजट को मंजूरी मिलने के बाद अगले वित्तीय वर्ष में आचार संहिता हटने के बाद सीएम नायब सैनी की अध्यक्षता में होने वाली जीएमडीए बैठक में रखा जाएगा। प्राधिकरण की योजना चंदू बुढ़ेरा गांव में 100 मिलियन लीटर प्रतिदिन (MLD) क्षमता का एक और जल शोधन संयंत्र बनाने की है। वर्तमान समय में जीएमडीए के पास 570 एमएलडी क्षमता का जल उपचार संयंत्र है। जबकि, गर्मी के मौसम में पानी की मांग 675 एमएलडी तक बढ़ जाती है।
यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने पर किया जाएगा फोकस
चंदू बुढेरा गांव में लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से जल शोधन संयंत्र का काम इसी महीने शुरू हुआ है। बढ़ती आबादी को देखते हुए जीएमडीए की इंफ्रा शाखा ने अगले वित्तीय वर्ष में एक और यूनिट शुरू करने की योजना बजट में शामिल की है। वित्तीय वर्ष के बजट में यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। धनवापुर और बहरामपुर गांव में 100-100 एमएलडी के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना बनाई गई है। बताया जा रहा है कि इस पर लगभग 400 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी।
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कई क्षेत्रों में बिछाई जाएगी सीवर लाइनें
गुरुग्राम-मानेसर विकास योजना के तहत सेक्टर- 1 से सेक्टर-115 तक का विकास किया जाएगा और इनमें से अधिकतर क्षेत्रों में अभी तक सीवर लाइनें नहीं बिछाई गई हैं। ऐसे में सेक्टर- 68 से सेक्टर-75 तक लगभग 28.5 करोड़ रुपये और सेक्टर- 109 से सेक्टर- 115 तक लगभग 55 करोड़ रुपये की लागत से सीवर लाइन बिछाई जाएगी। इसके अलावा दिल्ली-जयपुर हाईवे की सर्विस रोड पर नौरंगपुर से द्वारका एक्सप्रेस-वे तक बरसात के पानी की निकासी के लिए नालों का निर्माण किया जाएगा। वहीं, मानेसर और बजघेड़ा में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण का काम भी चल रहा है।