नरेन्द्र वत्स, रेवाड़ी: गुरुग्राम के रामलीला मैदान में भाजपा के दो धुरंधर और धुर विरोधी लंबे समय बाद न सिर्फ एक मंच पर नजर आए, बल्कि मोदी को एक बार फिर से पीएम बनाने के संकल्प में मिलकर सुर मिला गए। लोकसभा चुनावों में जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा पार्टी के नेताओं की गुटबाजी खत्म करने की कवायद को आगे बढ़ाती नजर आ रही है। अगले कुछ दिनों में पार्टी प्रत्याशी राव इंद्रजीत के साथ दूसरे गुट के भाजपा नेता भी एक मंच पर नजर आ सकते हैं।
2019 विस चुनावों के बाद कम ही एकसाथ नजर आए मनोहर लाल व राव इंद्रजीत
वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद बहुत कम मौकों पर राव इंद्रजीत सिंह और मनोहरलाल एक मंच पर नजर आए। जब भी दोनों ने मंच साझा किया, राव की ओर से पूर्व सीएम पर टिप्पणी जरूर की गई। दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक मतभेदों की खाई बनी रही, जिसे अब पाटने की बारी आ चुकी है। पूर्व सीएम मनोहरलाल प्रदेश के लगभग हर हलके में जाकर भाजपा प्रत्याशियों को जिताने की अपील करने में लगे हुए हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को गुरुग्राम के रामलीला मैदान में आयोजित विजय संकल्प रैली में पूर्व सीएम मनोहरलाल और पार्टी प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह ने एक-दूसरे के सुर में सुर मिलाते हुए संकेत दिए कि पार्टी के प्रदेश की सभी दस लोकसभा सीटों को जीतने के एजेंडे के सामने आपसी मतभेद किसी भी सूरत में आड़े नहीं आने दिए जाएंगे।
धर्मबीर सिंह व विरोधी नेता भी साझा कर चुके एक मंच
नारनौल में हाल ही में आयोजित सीएम नायब सिंह सैनी की विजय संकल्प रैली में महेंद्रगढ़-भिवानी सीट से धर्मबीर सिंह को जिताने के लिए दक्षिणी हरियाणा के परस्पर विरोधी भाजपा नेता एक साथ मंच साझा कर चुके हैं। पहले एकमंच पर आते ही एक-दूसरे पर कटाक्ष करने में माहिर यह नेता अब पूरी तरह पार्टी प्रत्याशी की जीत पर फोकस करते हुए विवादित टिप्पणियों से बच रहे हैं। लोकसभा चुनावों में बड़ी सफलता के लिए पार्टी के नेताओं को एकजुट करने की मुहिम तेजी से आगे बढ़ने लगी है।
एकजुटता दिला सकती है बड़ी जीत
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में भी दक्षिणी हरियाणा के कुछ नेताओं को छोड़कर भाजपा के सभी नेताओं ने खुलकर राव इंद्रजीत सिंह का साथ निभाया था। यही कारण था कि राव कांग्रेस प्रत्याशी कैप्टन अजय सिंह यादव को सवा 3 लाख मतों से भी ज्यादा के अंतर से चुनाव हराने में कामयाब रहे थे। भाजपा नेता अगर एकजुट होकर पार्टी प्रत्याशी के लिए कार्य करते हैं, तो एक बार फिर गुरुग्राम सीट पर बड़ी जीत की राह आसान हो सकती है। 8
इन नेताओं के रुख पर रहेगी नजर
इस समय पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह, पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास, भाजपा संसदीय बोर्ड की सदस्य डॉ. सुधा यादव व कुछ अन्य नेताओं की पार्टी प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह से राजनीतिक दूरी बनी हुई है। राव विरोधी खेमे से जुडे़ नेताओं की चुनाव प्रचार में अभी तक सक्रियता नजर नहीं आई है। अगर आपसी गुटबाजी से ऊपर उठते हुए यह नेता एकमंच पर आते हैं, तो परिणाम हटकर हो सकता है।