Jind: पश्चिमी विक्षोभ के चलते जींद के कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि के साथ बारिश हुई तो कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हुई, जिससे मंडियों में पड़ा गेहूं भीग गया। अलेवा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 10.6 एमएम बारिश दर्ज की गई तो नरवाना और उचाना में एक-एक एमएम बारिश दर्ज की गई है। जींद, उचाना, सफीदों, पिल्लूखेड़ा में बूंदाबांदी दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार कल यानी रविवार को भी बारिश के आसार बने रहेंगे। अगले कुछ दिनों के लिए तूड़ी बनाने का काम प्रभावित हो गया है। वहीं खुले में रखे गेहूं को सूखने में भी कुछ समय और लगेगा।
देर शाम बदल गया मौसम का मिजाज
शुक्रवार देर शाम को ही मौसम ने अपने मिजाज बदलने शुरू कर दिए थे और लगभग आठ बजे गरज व चमक के साथ बूंदाबांदी शुरू हो गई। रात को कहीं-कहीं तेज बारिश हुई तो कहीं ओलावृष्टि भी हुई। हालांकि यह कुछ समय के लिए ही हुई, लेकिन अनाज मंडियों, सायलो में खुले में रखा गेहूं भीग गया। हालांकि बारिश ने कुछ हद तक गर्मी से राहत दी और मौसम सुहाना हो गया। शनिवार को पूरा दिन सूर्य देवता बादलों के बीच अटखेलियां करते रहे। शनिवार को अधिकतम तापमान में दो डिग्री की गिरावट आई और तापमान 37 डिग्री पर आ गया।आकाश में छाए बादलों से बारिश के आसार बने रहे। मौसम विभाग के अनुसार मौसम परिवर्तनशील रहने के साथ रविवार को भी बादल आकाश में दिखाई देंगे।
बारिश से मंडियों में भीगा किसानों का पीला सोना
गेहूं कटाई का 95 प्रतिशत से ज्यादा कार्य पूरा हो चुका है। ऐसे में मंडियों में गेहूं की आवक भी कम होने लगी है। जिससे प्रशासन को कुछ राहत तो है लेकिन लिफ्टिंग धीमे होने के चलते मंडियों में खुले आसमान के नीचे किसानों का पीला सोना पड़ा है। ऐसे में रात को हुई बारिश के बाद खुले में पड़ा गेहूं भीग गया। खुले आसमान के नीचे पड़ा गेहूं भीगने से आढ़तियों को भी चिंता सता रही है। मौसम विभाग ने रविवार को भी वर्षा की आशंका जताई है। अगर मंडी में गेहूं वर्षा से भीगने से खराब होता है, तो उसका नुकसान आढ़ती को होगा। मौसम वैज्ञानिक डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि खेतों से गेहूं कटाई और कढ़ाई का 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और इस समय तूड़ी बनाने का काम चल रहा है। बारिश के बाद आगामी कुछ दिनों तक नमी के कारण यह काम प्रभावित हुआ है।