Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कल यानी 5 अक्टूबर को मतदान डाले गए। हरियाणा के सभी 90 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुए हैं। वोटिंग के बाद तमाम मीडिया संस्थानों ने अपना एग्जिट पोल भी जारी कर दिया है। इन एग्जिट पोल में दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस हरियाणा में सरकार बनाने जा रही है। सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी को इस चुनाव में मुंह की खानी पड़ेगी, जबकि कांग्रेस अकेले बहुमत हासिल कर सरकार में आ जाएगी।

कई नेता एग्जिल पोल को बता रहे गलत
यहां पर सबसे बड़ा सवाल है कि क्या एग्जिट पोल में जो दावा किया जा रहा है, वह सच साबित होगा। इससे पहले भी कई ऐसे मौके देखने को मिले हैं, जब एग्जिट पोल बुरी तरह फेल रहा था। वहीं, कांग्रेस के अलावा तमाम पार्टियों को भी भरोसा है कि एग्जिट पोल में उसकी जितनी बुरी स्थिति दिखाई गई है, वह उससे अच्छा प्रदर्शन करने वाली है। कई पार्टियां तो अभी भी सरकार बनाने का दावा तक कर रही है। चलिए आपको हाल के 5 ऐसे चुनाव के बारे में बताते हैं, जिसमें एग्जिट पोल बुरी तरह फेल रहा था। आपको यह भी बताएंगे कि एग्जिट पोल के फेल होने का क्या कारण होता है। हरियाणा चुनाव में एग्जिट पोल जारी होने के बाद नेताओं की क्या प्रतिक्रिया आ रही है।

5 ऐसे चुनाव जिसमें एग्जिट पोल हुए थे फेल
भारत में 1980 के दशक में एग्जिट पोल दिखाने का प्रचलन शुरू हुआ था। उस वक्त एग्जिट पोल अखबारों में छपा करते थे। भारत में इस समय 10 बड़ी एजेंसियां हैं, जो एग्जिट पोल तैयार करती है। एग्जिट पोल तो पहले भी गलत होते थे, लेकिन हाल के वर्षों में एग्जिट पोल का अनुमान कुछ ज्यादा ही गलत आने लगा है। इसकी शुरुआत बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से हुआ था। इस चुनाव में एग्जिट पोल ने दावा किया था कि आरजेडी एकतरफा सरकार बना लेगी, लेकिन जब चुनाव के नतीजे आए तो बीजेपी और जदयू को बहुमत मिल गई।

लोकसभा चुनाव में भी गलत हुआ था साबित एग्जिट पोल
इसके बाद 2021 में पश्चिम बंगाल चुनाव में भी बीजेपी के सरकार बनाने का दावा किया जा रहा था, लेकिन ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने सरकार बना ली। 2022 में हुए उत्तर प्रदेश के चुनाव में एग्जिट पोल बुरी तरह फेल साबित हुआ, जिसमें बीजेपी की सरकार बनी। इसके बाद 2022 में ही हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी की सरकार बनने की बात कही गई, लेकिन कांग्रेस सरकार में आ गई। इसके अलावा हाल में हुए लोकसभा चुनाव में भी एग्जिल पोल फेल हुआ था। इस एग्जिट पोल में दावा किया जा रहा था कि बीजेपी 300 के पार सीटें लाएगी और कांग्रेस के पास 50 के आसपास सीटें आएंगी, लेकिन बीजेपी सिर्फ 240 सीटें ही ला सकी।

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आखिर क्यों फेल होता है एग्जिट पोल?
चुनाव के दिन एग्जिट पोल करने वाली एजेंसियों के पास एग्जिट पोल बनाने के लिए काफी कम समय होता है। इसके अलावा हर क्षेत्र के बारे में अलग-अलग समुदाय की आबादी की जानकारी भी नहीं होती है, ऐसे में एजेंसियां जो आंकड़े जुटाती है, उसमें सिर्फ कुछ ही लोगों के रिव्यू होते हैं, और बाकी औसत के आधार पर आंकड़े निकाले जाते हैं, जिसके कारण नतीजे गलत साबित हो जाते हैं। इसके अलावा ये एजेंसियां एक प्रतिशत वाले फार्मूले का पालन नहीं करती है। एक प्रतिशत फार्मूला का अर्थ है किसी एक सीट पर कुल मतदाता के एक फीसदी मतदाता से राय लेना है। इसमें लिंग और जाति का विशेष ध्यान रखना होता है, इस कारण से भी नतीजे गलत साबित होते हैं।

नेताओं के एग्जिट पोल पर बयान
हरियाणा चुनाव के एग्जिट पोल आने के बाद भाजपा सांसद किरण चौधरी ने कहा कि वास्तविकता एग्जिट पोल द्वारा दिखाए जा रहे तथ्यों से बहुत अलग है, भाजपा हरियाणा में फिर से सरकार बनाएगी। बीजेपी नेता अनिल विज ने कहा कि एग्जिट पोल की पोल पहले भी खुल चुकी है। जमीनी हालात अलग हैं। आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा कि राज्य में बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था का इंतजार कर रहे हैं। AAP राज्य में तीसरे विकल्प के रूप में आएगी। 

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