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बहादुरगढ़ से पूर्व भाजपा विधायक नरेश कौशिक ने अपने छोटे भाई दिनेश कौशिक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि दो दिन के भीतर उनकी टिकट कैंसिल नहीं की तो...

भारतीय जनता पार्टी हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रत्याशियों के नामों पर लगातार मंथन कर रही है। बीजेपी पहली सूची में 67 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर चुकी है। शेष 23 सीटों पर भी जल्द प्रत्याशियों की घोषणा हो जाएगी। खास बात है कि टिकट कट जाने के कारण कई भाजपा नेता नाराज हैं, वहीं कुछ ने पार्टी तक छोड़ दी है। लेकिन, अब ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जब एक भाई ने दूसरे भाई को टिकट मिलने के कारण रोष जताया है।

हम भाजपा नेता नरेश कौशिक की बात कर रहे हैं। भाजपा से पूर्व विधायक नरेश कौशिक अपने भाई दिनेश कौशिक को टिकट दिए जाने के विरोध में उतर आए हैं। बीजेपी ने दिनेश कौशिक को बहादुरगढ़ की विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। नरेश कौशिक की मांग है कि इस सीट पर दिनेश कौशिक की जगह किसी अन्य उम्मीदवार को उतारना चाहिए। उन्होंने आज बीजेपी कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है, जिस पर मांग पर पूरी न होने के कारण आगे की रणनीति तैयार की जा सके।

जानिये किस बात से नाराज हैं नरेश कौशिक

मीडिया से बातचीत में नरेश कौशिक ने कहा कि उनका छोटा भाई दिनेश बेहद अहंकारी है। उनको तीन दिन पहले टिकट मिल चुकी है, लेकिन अभी तक आकर मिलना तो दूर कॉल तक नहीं की। उन्होंने कहा कि हम दोनों के बीच मतभेद हैं, फिर भी उसके खिलाफ कुछ नहीं बोला है। लेकिन, वो लगातार मेरे खिलाफ गलत बयान देता है। उन्होंने रोते हुए कहा कि उसने बेटी की शादी (दिनेश की बेटी) में शामिल तक नहीं होने दिया।

दोनों भाइयों का सियासत में बड़ा नाम

बहादुरगढ़ के दिग्गज नेताओं में नरेश कौशिक का नाम भी शामिल है। उन्होंने 2014 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट पर जीत हासिल की थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में भी उन्हें टिकट दी गई, लेकिन जीत नहीं सके। उनके खिलाफ कांग्रेस की तरफ से राजेंद्र जून ने जीत हासिल की थी। इस विधानसभा चुनाव में अब बीजेपी ने उनके छोटे भाई दिनेश कौशिक को टिकट दी है।

नफे सिंह हत्याकांड में नाम आया था सामने

नरेश कौशिक तब विवादों में आए, जब उनका नाम नफे सिंह हत्याकांड में सामने आया था। नफे सिंह इनेलो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष थे। इस हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई ने नरेश कौशिक और उनके करीबियों से भी पूछताछ की थी। हालांकि नरेश कौशिक लगातार अपना बचाव करते रहे हैं। उन्होंने कहा था कि किसी गलतफहमी के कारण उनका नाम शामिल कर लिया गया। बहरहाल, सीबीआई अभी भी इस मामले की जांच कर रही है।

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