Haryana Assembly Elections: हरियाणा के बीजेपी नेता और बिजली मंत्री रणजीत चौटाला को पार्टी ने टिकट देने से मना कर दिया, जिसके बाद से  वह दिल्ली में ही हैं। कहा जा रहा है यहां पर उन्होंने  नेताओं से मुलाकात की और उनके इस मुलाकात के बाद खबर आई की वह कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं। हालांकि, चौटाला ने कहा कि मै कांग्रेस  में शामिल नहीं हो रहा हुं। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने मुझे हमेशा से बहुत सम्मान दिया है और मै उन्ही के साथ रहुंगा।

इस बात से नाराज हैं रणजीत चौटाला

बता दें कि साल 2019 में रणजीत चौटाला रानियां सीट से निर्दलीय विधायक बने थे और 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले वह बीजेपी में शामिल हुए। इसके बाद पार्टी ने उन्हें हिसार से लोकसभा उम्मीदवार बनाया, लेकिन इस चुनाव में वह कांग्रेस के उम्मीदवार जयप्रकाश से हार गए। अब उन्होंने दोबारा से विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, लेकिन बीजेपी ने रानियां सीट पर हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख गोपाल कांडा ने भतीजे धवल कांडा को उम्मीदवार घोषित कर दिया। वहीं, सीएम नायब सैनी  ने भी कहा कि भाजपा इस बार हलोपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी और इस बात से रणजीत चौटाला नाराज चल रहे हैं।

पार्टी नहीं लेना चाहती रिस्क

जानकारी के अनुसार रणजीत चौटाला से रानियां विधानसभा की जनता नाराज हैं और उनकी रिपोर्ट भी ठीक नहीं आई है। इसका मुख्य कारण उनका रानियां हलका छोड़कर हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ना है। दूसरा, जिन लोगों ने साल 2019 में बीजेपी को दरकिनार कर रणजीत चौटाला को वोट दिया था, वह भी उनसे नाराज चल रहे हैं। इसलिए पार्टी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर रणजीत चौटाला पर अपना दांव नहीं लगाना चाहती है।

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रणजीत चौटाला के साथ समर्थकों की बैठक

दरअसल, रणजीत चौटाला की नाराजगी समर्थकों की बैठक में नजर आई थी। उन्होंने इस बैठक  में बीजेपी के कई नेताओं को नहीं बुलाया था। इसके बाद जब मीटिंग के बारे में जब सिरसा जिला बीजेपी अध्यक्ष शीशपाल कंबोज से पूछा गया तो उन्होंने कहा की हमें रणजीत चौटाला के इस कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने इस बैठक में सिर्फ अपने समर्थकों को बुलाया था।