Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी का पर्व महाराष्ट्र में मुख्य तौर पर मनाया जाता है, लेकिन अब पूरे देश में गणेश चतुर्थी के पर्व को लेकर धूम है। 7 सितंबर को देश भर में गणेश चतुर्थी का उत्सव हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। महाराष्ट्र के बाद हरियाणा के जिलों में भी इस पर्व को लेकर धूम मची हुई है। बप्पा के आगमन को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। श्रद्धालुओं द्वारा मंदिरों सहित घरों में भी बप्पा की मूर्ति को विराजमान किया जाएगा। जगह-जगह पंडाल लगना शुरू हो गए हैं।
इस दिन धार्मिक संस्थाओं द्वारा शोभायात्रा भी निकाली जाएंगी। बप्पा के आगमन की खुशी में कई जगह कीर्तन का भी आयोजन किया जाएगा। 10 दिन तक चलने वाले गणेश चतुर्थी पर्व के अवसर पर श्रद्धालु बप्पा के दर्शन के लिए प्रसिद्ध मंदिर में भी जाना पसंद करते हैं। हरियाणा के कुछ ऐसे मंदिर हैं जहां पर श्रद्धालु अपने परिवार सहित जाकर बप्पा के दर्शन कर सकते हैं।
गुरुग्राम का श्री सिद्धि गणेश मंदिर
श्री सिद्धि गणेश मंदिर हरियाणा के गुरुग्राम में है। यह मंदिर भगवान गणेश को सर्पित है। यह मंदिर करीब 1000 गज जमीन पर बना हुआ है। इस मंदिर में गणपति की मूर्ति के अलावा दूसरे देवी देवताओं जैसे भगवान शिव, कार्तिकेय, देवी कामाक्षी की मूर्ति भी स्थापित की गई है। बता दें कि हरियाणा सरकार ने यह जमीन श्री कांची शंकराचार्य श्री मतातम सम्स्थानम को मंदिर बनाने के लिए प्रदान की थी।
भव्य कीर्तन का आयोजन
मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी श्री सिद्धि गणेश सांस्कृतिक सोसायटी के पास है। यह मंदिर एक आध्यात्मिक, भक्ति, शिक्षा और शन्ति गतिविधियों का केंद्र है। इस मंदिर की तरफ से शांति, भाईचारे, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए नेताओं, बुद्धिजीवियों और कलाकारों द्वारा प्रवचन की भी व्यवस्था की जाती है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर मंदिर में भव्य भजन कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
बप्पा के आगमन को लेकर झांकियां भी प्रस्तुत की जाती हैं। इस अवसर पर श्रद्धालु श्री सिद्धि गणेश मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां पर बप्पा के दर्शन करने से भक्तगणों की इच्छा पूरी होती है। मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को इफ्फको चौक मेट्रो स्टेशन एवं रैपिड मेट्रो गुरुग्राम के फेज 1 स्टेशन पर उतरना होगा।
बहादुरगढ़ का गणपति मंगल धाम
बहादुरगढ़ का गणपति मंगल धाम भी काफी प्रचलित है। यह गणपति धाम बहादुरगढ़ के गांव सांखौल में बना हुआ है। यह धाम करीब 2 एकड़ 8800 वर्ग गज में फैला हुआ है। इस धाम का निर्माण कार्य 1997 में शुरू हो गया था। इस धाम को बनाने में हजारों कारीगरों और मूर्तिकारों का सहयोग रहा है।
Also Read: महाराष्ट्र के बाद हरियाणा में बप्पा की सबसे ऊंची प्रतिमा, गणेश चतुर्थी पर अवश्य करें दर्शन
दस दिन तक लगता है श्रद्धालुओं तांता
इस धाम में बर्फ के आकार में बना शिवलिंग और श्री राम दरबार की भव्य मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। साल 2016 में इस धाम में बप्पा की देश की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ति को स्थापित किया गया है। जिसके दर्शन करने के लिए दूर दूर से भक्तगण आते हैं। गणेश चतुर्थी के अवसर पर भी यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। गणेश महोत्सव पर बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालु बप्पा के दर्शन करने के लिए 10 दिन पहुंचते हैं।