Haryana: मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में गांव ढंढूर, पीरांवाली, झिरी (चिकनवास) और बबरान (बस्ती और डिग्गी ताल) में रहने वालों को आवासीय भूमि या भूखंडों का मालिकाना हक देने वाली नीति बनाने को मंजूरी दी। नीति के तहत 31 मार्च 2023 तक राजकीय पशुधन फार्म हिसार से संबंधित 1873 कनाल 19 मरला भूमि पर निर्मित आवास वाले लोग स्वामित्व अधिकार के लिए पात्र होंगे। जिन लोगों ने 250 वर्ग गज तक की भूमि पर निर्माण किया है, उन्हें 2000 रुपए प्रति वर्ग गज का शुल्क चुकाने के बाद मालिकाना हक दिया जाएगा। इसी प्रकार जिन लोगों ने 250 वर्ग गज से लेकर एक कनाल तक के क्षेत्र में निर्माण किया है, उन्हें 3000 रुपए प्रति वर्ग गज का भुगतान करने पर मालिकाना हक मिलेगा।
ड्रोन इमेजिंग सर्वेक्षण में दिखने वाले ही होंगे पात्र
हिसार के इन चार गांवों में सरकारी पशुधन फार्म की 1873 कनाल 19 मरला भूमि पर 31 मार्च, 2023 तक निर्मित आवास वाले भूखंड, संपत्ति के सभी कब्जाधारी और जिनके नाम जिला प्रशासन हिसार द्वारा किए गए ड्रोन-इमेजिंग सर्वेक्षण में दिखाई देते हैं, वे ही आवंटन के लिए पात्र होंगे। परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) आईडी पात्र लाभार्थियों की पहचान के लिए एकमात्र दस्तावेज़ की आवश्यकता के रूप में काम करेगी। जब तक सरकार द्वारा किसी अन्य दस्तावेज को अपेक्षित प्रमाण के रूप में अधिसूचित नहीं किया जाता।
5 सदस्यीय समिति करेगी दावेदारों के आवेदनों की जांच
अतिरिक्त उपायुक्त हिसार की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति दावेदारों से आवेदन आमंत्रित कर उनकी जांच करेगी। सक्षम प्राधिकारी के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी। स्थानीय समिति सार्वजनिक सूचना समाचार पत्रों, सामान्य वेब पोर्टल, अंत्योदय सरल पोर्टल के माध्यम से आवेदन मांगेगी। इन सभी दावे और आपत्तियों सहित सभी आवेदन सामान्य पोर्टल के माध्यम से प्राप्त कर संशोधित किए जाएंगे। डिमांड नोटिस जारी होने की तारीख से छह महीने के अन्दर प्रीमियम का भुगतान किया जाना चाहिए।
यूएचबीवीएन के लिए 500 करोड़ की राज्य सरकार गारंटी प्रदान करने की दी स्वीकृति
मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड (यूएचबीवीएन) के 500 करोड़ रुपए के स्वीकृत कैपेक्स ऋण के पूंजीगत व्यय को पूरा करने के लिए पंजाब नेशनल बैंक के पक्ष में 500 करोड़ रुपए की राज्य सरकार की गारंटी प्रदान करने के प्रस्ताव को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की। निगम विभिन्न बैंकों द्वारा स्वीकृत फंड-आधारित और गैर-फंड-आधारित कार्यशील पूंजी सीमाओं का उपयोग करके अपने दैनिक कार्यों के संचालन का प्रबंधन करता है। फंड आधारित आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यूएचबीवीएन ने बैंक से 500 करोड़ रुपए के कैपेक्स ऋण को मंजूरी देने का अनुरोध किया था।
रियल एस्टेट एजेंटों के लिए पंजीकरण व नवीनीकरण शुल्क में संशोधन को मंजूरी
मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण, गुरुग्राम और पंचकूला के द्वारा रियल एस्टेट एजेंटों से लिए जाने वाले पंजीकरण शुल्क और नवीनीकरण शुल्क में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। संशोधित प्रावधानों के तहत एकल और स्वामित्व वाली फर्मों के लिए पंजीकरण शुल्क और नवीनीकरण शुल्क को पहले से निर्धारित क्रमशः 25,000 रुपए और 5,000 हजार रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए और 10,000 रुपए किया गया है। इसके अलावा, एकल और स्वामित्व वाली फर्मों के अतिरिक्त पंजीकरण शुल्क और नवीनीकरण शुल्क की राशि क्रमशः 2,50,000 रुपए और 50,000 की गई है।
जमीन हस्तांतरण को हरि झंडी
मंत्रिमंडल की बैठक में नगर पालिका, कनीना की खसरा संख्या 207/9, 10 में स्थित 209 वर्ग मीटर भूमि को सेवा भारती हरियाणा प्रदेश पंजीकृत, कनीना को स्थाई धर्मार्थ स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण के लिए हस्तांतरित करने को मंजूरी प्रदान की। ये निर्णय व्यापक जनहित को देखते हुए लिया गया और सरकार ने सेवा भारती हरियाणा प्रदेश को 8 लाख 25 हजार रुपए की लागत पर उक्त भूमि प्रदान करने का निर्णय लिया। निर्णय के अनुसार सेवा भारती हरियाणा प्रदेश को स्थायी धर्मार्थ स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण के लिए आकस्मिक शुल्क, यदि कोई है तो भुगतान करना होगा।
हरियाणा ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) संशोधन विधेयक 2024 के प्रारूप को दी स्वीकृति
मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) अधिनियम 1961 में आगे संशोधन करने के लिए हरियाणा ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) संशोधन विधेयक, 2024 के प्रारूप को दी स्वीकृति प्रदान की। प्रस्तावित संशोधन के अनुसार, शामलात देह में भूमि का स्वामित्व, जो पूर्वी पंजाब भूमि उपयोग अधिनियम 1949 के तहत 20 साल की अवधि के लिए पट्टे के आधार पर आवंटित किया गया था और मूल आवंटी, हस्तांतरण करने वाला (ट्रांसफ्री) या उनके मूल आवंटी के खेती अधिकार में शामिल है। उनके कानूनी उत्तराधिकारी को तत्काल प्रभाव से शामलात देह के दायरे से बाहर रखा जाएगा। इसके अलावा यह प्रस्तावित है कि मूल पट्टेदार, हस्तांतरण करने वाला (ट्रांसफ्री) या उनके कानूनी उत्तराधिकारी द्वारा संबंधित ग्राम पंचायत को एक निर्धारित राशि का भुगतान करना अवश्यक होगा।