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महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव की तैयारियों के बीच हरियाणा के सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। इसके बाद से ये चर्चाएं तेज हो गई है कि विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस हाईकमान हुड्डा के कद को कमजोर कर रही है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के कद को कमजोर करने की तैयारी में लगी हुई है। खबर है कि हुड्डा की बजाय कांग्रेस हाईकमान कुमारी सैलजा को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकता है। इसकी वजह से हुड्डा गुट को झटका लग सकता है।  

दरअसल, महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव होने है। कांग्रेस के हाथ से पहले ही हरियाणा फिसल चुका है। इसलिए कांग्रेस हाईकमान ऐसी कोई गलती दोबारा नहीं दोहराना चाहता, जिसकी वजह से बाद में पछताना पड़े। खबर है कि दो राज्यों में आगामी चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस बड़ा बदलाव करने के मूड में है। जिसके चलते हरियाणा के सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा को कांग्रेस बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। चर्चा है कि कुमारी सैलजा को राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बनाया जा सकता है। अभी कांग्रेस में ये जिम्मेदारी केसी वेणुगोपाल संभाल रहे हैं। जल्द ही कुमारी सैलजा को यह पद मिल सकता है। 

इस वजह से हो रही चर्चा 

हाल ही में 29 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर स्टार प्रचारकों की कांग्रेस की ओर से एक लिस्ट जारी की गई है। पहले इस तरह की लिस्ट केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी की जाती थी। हालांकि, इस बार कुमारी सैलजा की ओर से ये लिस्ट जारी की गई है और लिस्ट में उनके ही हस्ताक्षर है। 40 स्टार प्रचारकों की इस लिस्ट में हरियाणा से सिर्फ राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला का नाम शामिल है। जबकि, इसमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम नहीं है। जिसके बाद से ये चर्चा तेज हो गई है, कि कुमारी सैलजा ने लिस्ट जारी की है, तो उन्हें ही पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। 

हरियाणा विधानसभा चुनावों में सिर्फ हुड्डा की कांग्रेस ने मानी बात 

बता दें कि हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव हुआ था। यह चुनाव कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में लड़ा। टिकट बंटवारे से लेकर स्टार प्रचारकों के कार्यक्रम तक सभी फैसले हुड्डा की ओर से लिए गए और कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा की ही बात मानी। हालांकि, गुटबाजी के चलते कांग्रेस जीता हुआ चुनाव हार गई। इसके बाद से कांग्रेस हाईकमान हुड्डा को कोई जिम्मेदारी देने के मूड में नजर नहीं आ रही है। 

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