Haryana Assembly Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव में सिर्फ 2 महीने बचे हैं। चुनावों के इस दौर में सभी पार्टियां अपने संगठन का विस्तार करती हैं। इसके अलावा पार्टियां नए सिरे से संगठन बनाने में जुट जाती हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी के मामले में देखा जाए तो हरियाणा में कांग्रेस ने पिछले 10 सालों में नया संगठन नहीं बनाया है। ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी का संगठन न बनाने का कारण आपसी गुटबाजी है।    

संगठन बनाने से कतरा रही है कांग्रेस

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरियाणा में BJP, JJP, INLD और AAP ने अपना संगठन बनाया हुआ है। जबकि कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने इस मामले में कहा है कि कांग्रेस जल्द ही संगठन बना सकती है। लेकिन ऐसे भी कयास लगाए जा रहें हैं कि प्रभारी को इस बात का डर है कि चुनाव से पहले नया संगठन उनके लिए नुकसानदेह साबित न हो जाए। क्योंकि जब प्रभारी दीपक ने कांग्रेस के संगठन बनाने का बयान दिया था तो कांग्रेस के सभी गुट एक्टिव हो गए थे। दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता बजरंग दास गर्ग ने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस को इस तरह के प्रयोग से बचना चाहिए।  

जीत के लिए कांग्रेस उत्साहित

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता बजरंग दास का कहना है कि राज्य में जिसे कांग्रेस का टिकट मिला है उनमें काफी उत्साह है। अब तक 90 विधानसभा सीटों के लिए 2300 से अधिक आवेदन हो चुके हैं। आवेदन करने के लिए 10 अगस्त तक का समय दिया गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि एक हजार आवेदन आने की संभावना है। ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह पार्टी को विधानसभा चुनाव में जीत की ओर अग्रसर करेगा।

लोकसभा चुनाव बिना संगठन के लड़ा था

कांग्रेस पार्टी जीत के लिए उत्साहित है क्योंकि हरियाणा में इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं। जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 58 प्रतिशत वोट शेयर था। इन 5 सालों में भाजपा पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है। जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 43.73% वोट शेयर था। अपने वोट बैंक से कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी।

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2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42% वोट शेयर मिला था। इन 5 साल में कांग्रेस के वोट में 15.31% वोट शेयर की बढ़ोतरी देखने के मिली है। ऐसे में कांग्रेस इस बार हरियाणा विधानसभा चुनावों में अपनी जीत के लिए काफी उत्साहित है। आपको बता दें कि हरियाणा में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव बिना संगठन के ही लड़ा था। लेकिन संगठन के साथ लड़ने वाली BJP को कांग्रेस ने अच्छी टक्कर दी थी।