हरियाणा में किसानों को मिलेगा सोलर पंप: इस दिन से शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया, यहां पढ़ें तमाम डिटेल्स

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Solar Pump Application: हरियाणा के किसानों के लिए सोलर पम्प के लिए आवेदन प्रक्रिया की तारीख तय कर दी गई है। आवेदन से जुड़ी तमाम जानकारी यहां पढ़ें...
Solar Pump Application: हरियाणा सरकार की ओर से प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों से सोलर पम्प के लिए आवेदन मांगे गए हैं। आवेदन करने की तारीख 8 से 21 अप्रैल तय की गई है। इस समय के भीतर प्रदेश के इच्छुक किसान saralharyana.gov.in की वेबसाइट के माध्यम से अपनी जरूरत के मुताबिक सोलर पंप की क्षमता और प्रकार का चुनाव कर सकते हैं। किसान अपनी पसंद की कंपनी के सोलर पम्प का भी चुनाव कर सकते हैं। बता दें कि प्रदेश के किसानों से 6 श्रेणियों में सोलर पम्प लगवाने के लिए आवेदन मांगे गए हैं।
आवेदन से जुड़ी जानकारी
- किसान 75 प्रतिशत अनुदान राशि पर 3 एचपी से 10 एचपी सोलर पम्प के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- बिजली आधारित कनेक्शन (UHBVN/DHBVN) के मौजूदा आवेदकों को सौर ऊर्जा पंप के कनेक्शन के लिए पहले प्राथमिकता दी जाएगी। बशर्ते उन्हें अपने मौजूदा बिजली कनेक्शन का समर्पण करना पड़ेगा।
- साल 2019 से 2023 तक के मौजूदा किसान जिन्होंने 1 एचपी से 10 एचपी बिजली आधारित कृषि ट्यूबवेल के लिए DISCCOMS (UHBVN/DHBVN) में आवेदन किया था। उन्हें PM कुसुम योजना के तहत सोलर पम्प कनेक्शन में प्राथमिकता दी जाएगी।
- किसानों का चयन परिवार की वार्षिक आय और भूमि धारण के आधार पर किया जाएगा। किसान अपने खेत के साइज, पानी के स्तर और पानी की जरूरत के मुताबिक टाईप और पंप का चयन करें। किसान को अपने खेत में केवल बोर करवा करवाना होगा, बाकी पंप स्थापना का काम फर्म द्वारा किया जाएगा। बिना लाभार्थी हिस्सा के जमा किए गए आवेदन को रद्द माना जाएगा।
- जिन आवेदकों ने 20 फरवरी से लेकर 5 मार्च और 11 जुलाई से लेकर 25 जुलाई तक किया था उन्हें फिर से आवेदन की जरूरत नहीं है। बाकी दूसरे पुराने आवेदक सिरे से आवेदन कर सकते हैं। उन्हें पुराने आवेदन से प्राप्त चालान के अनुसार अपना लाभार्थी हिस्सा जमा करवाना होगा।
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योग्यता और जरूरी दस्तावेज
- परिवार पहचान पत्र (PPP)
- आवेदक के परिवार (PPP) के नाम पर सोलर का कनेक्शन न हो।
- आवेदक के नाम पर बिजली आधारित पंप नहीं होना चाहिए।
- आवेदक का कृषि भूमि पर अधिकार होना चाहिए।
- हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के सर्वेक्षण के अनुसार उन गांवों में, जहां भूजल स्तर 100 फीट से नीचे चला गया है, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना जरूरी है। दूसरे को भूमिगत पाइपलाइन (अंडरग्राउंड पाइपलाइन) या सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को लगाना अनिवार्य होगा।
- धान उगाने वाले किसान जिनके क्षेत्र में HWRA की रिपोर्ट के आधार पर भूजल स्तर 40 मीटर से नीचे गिर गया है, वह किसान इस योजना के योग्य नहीं है। किसान ज्यादा जानकारी के लिए विभाग की वेबसाइट http://hareda.gov.in पर सर्च कर सकते हैं।
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