वैलेंटाइन वीक गुजर चुका है, जबकि एंटी वैलेंटाइन डे चल रहा है। यह एंटी वैलेंटाइन वीक 21 फरवरी को ब्रेकअप डे के साथ समाप्त हो जाएगा। एंटी वैलेंटाइन वीक के बीच हरियाणा सरकार ने कपल्स को लेकर अहम आदेश जारी किया है। यह आदेश प्रेमियों के खिलाफ नहीं बल्कि उनकी जान और सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर है। बताया जा रहा है कि पहले भी प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा को लेकर नोटिफिकेशन जारी की थी, लेकिन पंजाब एवं हरियाणा सरकार के आदेश के बाद इन नोटिफिकेशन में सुधार कर फिर से जारी किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, होम सेक्रेटरी डॉ. सुमित मिश्रा की ओर से नोटिफिकेशन में हरियाणा सरकार को निर्देशित किया है कि घर से भागने वाले प्रेमी जोड़ों की जान की सुरक्षा और आजादी सुनिश्चित करनी है। अगर कोई प्रेमी जोड़ा किसी कारण से बिछड़ता है, तो भी पुलिस को उसकी शिकायत सुननी होगी और मामले की गहनता से जांच करनी होगी। नोटिफिकेशन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जब भी इस तरह की शिकायत आती है, तो कम से कम एएसआई रैंक के अधिकारी द्वारा जांच सुनिश्चित करानी होगी।
पुलिस के सामने प्यार का इजहार कर सकेंगे प्रेमी जोड़े
इस नोटिफिकेशन के मुताबिक, शिकायत आने के बाद एएसआई रैंक के अधिकारी को नोडल अधिकारी को भी सूचित करना होगा। साथ ही, प्रेमी जोड़ों के परिवारों को भी थाने बुलाना होगा। यहां प्रेमी जोड़ा बिना किसी दबाव के अपनी बात कहेंगे, जिसके आधार पर जांच अधिकारी रिपोर्ट तैयार करेगा। आदेशा में कहा गया है कि अगर महिला एएसआई है, तो उससे ही जांच सुनिश्चित करानी चाहिए।
प्रेमी जोड़ों को मौका दिया जाएगा कि वो बेझिझक अपनी बात स्पष्ट कर सकें। मतलब यह कि प्रेमी जोड़ा खुलकर अपनी परिजनों की मौजूदगी में जांच अधिकारी के समक्ष अपनी सच्ची लव स्टोरी सुना सकता है। इसके बाद अगर परिजन जांच अधिकारी की रिपोर्ट से असंतुष्ट हैं, तो उन्हें पुलिस आयुक्त/पुलिस अधीक्षक के समक्ष अपील कर सकते हैं। तब तक पुलिस को प्रेमी जोड़े की सुरक्षा करनी होगी।
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तीन दिन में करना होगा मामले का निपटारा
नोटिफिकेशन में बताया गया है कि अगर मामला सीमा विवाद में आता है, तो तुरंत मामले को संबंधित थाना ट्रांसफर करना अनिवार्य है। इसका मतलब यह है कि थाना क्षेत्र न होने का हवाला देकर प्रेमी जोड़ों को भगाया न जा सके क्योंकि इससे उनकी जान पर खतरा बढ़ जाता है। पुलिस को यह भी निर्देशित किया गया है कि जांच अधिकारी को तीन दिनों के भीतर ऐसे मामलों का निपटारा कर रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेजनी होगी। वरिष्ठ अधिकारी रिव्यू कर रिपोर्ट को डीजीपी कार्यालय प्रेषित कर देंगे। डीजीपी हर तिमाही ऐसे मामलों पर सुपरविजन किया जाएगा।