Haryana Government Employees: हरियाणा विधानसभा चुनावों में अब केवल कुछ महीने शेष हैं। सियासत की इस गर्माहट में हरियाणा सरकार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की सौगात दे सकती है। दरअसल हरियाणा में लंबे समय से कच्चे कर्मचारियों और सरकार के बीच अलग-अलग मांगों को लेकर विवाद देखने को मिला है। ऐसे में सरकार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की योजना पर काम कर रही है। सरकार ने इसके लिए 9 सदस्यों टीमों का भी गठन किया गया है।

कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने पर बैठक

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में 5 अगस्त को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक होने वाली है। इस बैठक में कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की योजना को मंजूरी मिल सकती है। इस मीटिंग में यह भी फैसला लिया जाएगा कि इस योजना में कितने साल तक की सेवा करने वाले कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा। बैठक में यह भी फैसला लिया जाएगा कि किन कर्मचारियों को रेगुलर करना है।

मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया है कि इस बैठक में हरियाणा कौशल रोजगार निगम कर्मचारियों को रेगुलर करने पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा ऐसे कर्मचारी जो विभागों में काम तो करते हैं लेकिन वह हरियाणा कौशल रोजगार निगम में शामिल नहीं हैं तो ऐसे में इन कर्मचारियों पर अगली बैठक पर चर्चा होगी। 

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9 सदस्यों की टीमों का गठन 

हरियाणा सरकार ने अस्थाई कर्मचारियों को रेगुलर करने की पॉलिसी तैयार करने के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी की पहली बैठक 26 जुलाई को हो चुकी है। कमेटी में प्रधान सचिव विजेंद्र कुमार, प्रधान सचिव डॉ. डी सुरेश, आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, मुख्यमंत्री के अलावा प्रधान सचिव और आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, मानव संसाधन विभाग के महानिदेशक जे गणेशन, वित्त विभाग के सचिव पंकज, मानव संसाधन विभाग के सचिव डॉ. आदित्य दहिया, स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशक जितेंद्र दरिया और डीए राजेंद्र वर्मा शामिल हैं। हरियाणा सरकार का कहना है कि यह कमेटी उन कर्मचारियों के लिए चर्चा करेगी जो कांट्रेक्चुअल सर्विस में हैं। इन  कर्मचारियों के लिए कमेटी ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार करेगी। 

इस बैठक के दौरान एडवोकेट जनरल बलदेव महाजन ने पंजाब पॉलिसी का भी जिक्र किया है। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि इस योजना में पंजाब पॉलिसी के मुख्य बिंदुओं को भी शामिल किया जा सकता है। लेकिन काफी कुछ अफसरों की कमेटी के मसौदे पर निर्भर रहेगा।