हरियाणा न्यायिक पेपर लीक मामले में बड़ा अपडेट: दिल्ली HC का निचली अदालत को निर्देश, कहा- ट्रायल को 3 महीने में करें पूरा

Haryana Judicial Service Exam Paper Leaked Case
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हरियाणा न्यायिक पेपर लीक मामला
हरियाणा न्यायिक पेपर लीक मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिए हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने केस के ट्रायल को 3 महीने में पूरा करने को कहा है।

Haryana Judicial Service Exam Paper Leaked Case: हरियाणा न्यायिक पेपर लीक मामले में बड़ा अपडेट आया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने हरियाणा सिविल सेवा (न्यायिक) प्रारंभिक परीक्षा 2017 के कथित पेपर लीक मामले में निचली अदालत को निर्देश दिए हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में कार्यवाही समाप्त करने के लिए निचली अदालत को निर्देश देते हुए ट्रायल को तीन महीने में खत्म करने को कहा है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिए निर्देश

दिल्ली हाई कोर्ट ने 2017 हरियाणा न्यायिक सेवा परीक्षा पेपर लीक मामले में निचली अदालत को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि अदालत इस बात की सराहना करेगी यदि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जिनके समक्ष इस संबंध में मुकदमा चल रहा है। वह मामले को दिन-प्रतिदिन के आधार पर सुनते हैं और जरूरी होने पर ही सुनवाई टालने की मांग को मंजूरी दें।

ट्रायल को तीन महीने में करें खत्म

दिल्ली हाई कोर्ट ने जनवरी में निचली अदालत से मामले की कार्यवाही में तेजी लाने और इसे दैनिक आधार पर निपटाने को कहा। इसके साथ ही केस के ट्रायल को तीन महीने में खत्म करने को कहा है। वहीं, निचली अदालत के न्यायाधीश ने इस संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट को एक पत्र सौंपा, जिसमें कहा गया कि मामले का रिकॉर्ड बहुत बड़ा है, क्योंकि मुकदमे का सामना कर रहे आरोपियों के खिलाफ सात आरोपपत्र दायर किए गए हैं।

इसके अलावा उन्होंने पत्र में कहा कि मामले में 19 आरोपी और 85 गवाह हैं। निचली अदालत ने मामले के निपटारे के लिए कम से कम छह महीने का समय मांगा।

क्या है हरियाणा न्यायिक सेवा परीक्षा पेपर लीक मामला

बता दें कि 2017 में हरियाणा न्यायिक पेपर लीक मामले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की एक शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले हाई कोर्ट ने 2017 में बलविंदर कुमार शर्मा को निलंबित कर दिया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि सह अभियुक्त सुनीता, बलविंदर कुमार शर्मा की परिचित थीं और उसने उसे प्रश्न पत्र की एक प्रति दी थी, जिसने पैसे के बदले में इसे दूसरों को दिया था।

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