Haryana Assembly Election: भाजपा की टिकट मिलने के बाद पूर्व पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली शुक्रवार को अपने धुर विरोधी सांसद सुभाष बराला को नामांकन का निमंत्रण देने उनके घर पहुंचे। इस बारे में बराला और बबली कुछ भी बताने से बच रहे हैं। बबली आज शनिवार को लाव-लश्कर के साथ टोहाना से नामांकन दाखिल करेंगे। बराला के उनके नामांकन के समय शामिल होने पर अभी सस्पेंस बना हुआ है।

कांग्रेस में भगदड़ मचने के आसार

इसके अलावा प्रदेश नेतृत्व के कई नेता बबली के नामांकन में शामिल हो सकते हैं। उधर, जजपा व इनेलो की नजर अब कांग्रेस की सूची के बाद की स्थितियों पर लगी है। जजपा व इनेलो को उम्मीद है कि कांग्रेस की सूची जारी होने के बाद कांग्रेस में भगदड़ मचेगी और उन्हें यहां से कोई मजबूत कैंडिडेट मिल जाएगा। टोहाना से भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र बबली व सुभाष बराला का आपस में 36 का आंकड़ा है। पिछले 5 सालों में बबली बराला पर जुबानी हमले करते रहे हैं।

बराला स्पष्ट रूप से कह भी चुके हैं कि बबली ने इतने ताले लगा दिए कि अब पता नहीं कौन-सी चाबी से खोलेंगे। बबली शुक्रवार को अपने रिश्ते में दादा लगने वाले और भाजपा के कद्दावर नेता सुभाष बराला से मिलने पहुंचे और नॉमिनेशन में शामिल होने का निमंत्रण दिया। दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में क्या बात हुई, अभी यह बाहर नहीं निकल पाई है। अब शनिवार को बराला नामांकन में बबली का साथ देने पहुंचेंगे या नहीं, यह देखने वाली बात होगी लेकिन इसके आसार बेहद कम नजर आ रहे हैं।

सुभाष बराला दूर के रिश्ते में है बबली के दादा

बता दें कि देवेंद्र बबली टोहाना के गांव बिढ़ई खेड़ा के रहने वाले हैं और गुरुग्राम में उनका अच्छा खासा बिजनेस है। सुभाष बराला बिढ़ई खेड़ा से कुछ ही दूरी पर स्थित गांव डांगरा के रहने वाले हैं और दोनों गांवों के बीच मात्र एक नहर की ही दूरी है, लेकिन दोनों के राजनीतिक रिश्ते अच्छे कभी नहीं रहे। सुभाष बराला दूर के रिश्ते में बबली के दादा लगते हैं। 2019 में भाजपा के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को देवेंद्र बबली ने जेजेपी की टिकट पर 50 हजार से ज्यादा वोटों से करारी शिकस्त दी तो यह दूरियां और बढ़ गई। बबली टोहाना में बड़ा नाम बन गए।

कांग्रेस पर सभी की नजर

जजपा व इनेलो की नजर कांग्रेस की सूची पर लगी है। जजपा व इनेलो को उम्मीद है कि कांग्रेस की सूची जारी होते ही कांग्रेस में भगदड़ मचेगी और उन्हें यहां से कोई मजबूत कैंडिडेट मिल जाएगा। जजपा व इनेलो फतेहाबाद ही नहीं टोहाना व रतिया में भी इसी फिराक में है कि उसे कोई अच्छा उम्मीदवार मिल सके। पता चला है कि कुछ कांग्रेस नेताओं की इसको लेकर इनेलो व जजपा नेतृत्व से बातचीत भी शुरू हो गई है।

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