रोहतक, मोहन भारद्वाज: हरियाणा के पांच अक्टूबर को होने वाले चुनाव में प्रदेश के सात पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई हैं। 90 में से 11 सीटों पर परिवार से 16 सदस्य चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें से तीन सीटें तो ऐसी हैं जहां परिवार के सदस्य ही एक दूसरे को चुनाव में चुनौती देने के साथ विरासत की जंग भी लड़ रहे हैं।

देवीलाल व ओमप्रकाश चौटाला परिवार के सबसे अधिक 8, भजनलाल परिवार से तीन, बंसीलाल परिवार से दो सदस्य चुनाव मैदान में हैं। दुष्यंत चौटाला व अभय सिंह चौटाला को छोड़ दे इस परिवार के बाकी सदस्य एक दूसरे के सामने ही खड़े हैं। पंडित भगवत दयाल शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राव बिरेंद्र सिंह के परिवार से ही एक-एक सदस्य मैदान में हैं। भजन लाल के बेटे, पौत्र व भतीजे भी अलग अलग सीटों पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा स्वयं तो राव बिरेंद्र की पौत्री व पंडित भगवत दयाल शर्मा की पौत्रवधू चुनावी रण में फंसी हुई हैं।

कड़े मुकाबले में फंसे परिजन

पांच अक्टूबर को होने वाले चुनाव में चौ. देवीलाल, ओमप्रकाश चौटाला व बंसीलाल परिवार के चार सदस्य आमने सामने कड़े मुकाबले में फंसे हुए हैं। बाकी 12 सदस्य भी कहीं तिकाने तो कहीं आमने सामने की टक्कर में हैं। ऐसे में देखना होगा कि प्रदेश की जनता किसे अपना जनप्रतिनिधि चुनकर विधानसभा भेजती है और किसी अगले पांच साल के लिए घर बैठने का फरमान सुनाती है।

इसका पता आठ अक्टूबर को होने वाली मतगणना के बाद ही चल पाएगा। डबवाली सीट पर कांग्रेस के अमित सिहाग, जजपा के दिग्विजय चौटाला व इनेलो के आदित्य चौटाला एक दूसरे को टक्कर दे रहे हैं। रानियां सीट पर देवीलाल के बेटे एवं पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला को अपने बड़े भाई ओमप्रकाश चौटाला के पौत्र एवं अभय सिंह चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला से चुनौती मिल रही है। तोशाम सीट पर बंसीलाल की पौत्री एवं पूर्व सांसद श्रुति चौधरी के सामने ताऊ के बेटे अनिरूद्ध चौधरी ताल ठोक रहे हैं। भजनलाल के बेटे पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन पंचकूला, पौत्र एवं निवर्तमान विधायक भव्य बिश्नोई आदमपुर व भतीजे एवं पूर्व सीपीएस दूड़ा राम फतेहाबाद सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। पंडित भगवत दयाल के परिवार से आप ने इंदु शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है।

दो को छोड़ आठ सीटों पर कड़ी चुनौती

गढ़ी सांपला किलोई से भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सीट फिलहाल पूरी तरह सेफ मानी जा रही है, हालांकि भाजपा ने मंजू हुड्डा को उतारकर चत्मकार की उम्मीद की थी, परंतु अभी तक ऐसा होता नहीं दिख रहा है। पहली बार चुनाव मैदान में उतरी आरती राव को शुरुआत में भाजपा में ही टिकट के दावेदारों से चुनौती मिली, परंतु अब उन्हें विरोधियों से आगे माना जा रहा है। पंचकूला में पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन की विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता के सामने राह इतनी आसान नहीं दिख रही है।

ऐलनाबाद में अभय सिंह चौटाला को कांग्रेस के उम्मीदवार से कड़ी टक्कर मिल रही है। आदमपुर भले ही भजनलाल परिवार का गढ़ माना जाता हो, परंतु इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद कांग्रेस उत्साहित है तथा यहां निवर्तमान विधायक एवं भजनलाल के पौत्र भव्य को कांग्रेस उम्मीदवार से कड़ी चुनौती मिल रही है।

2019 में पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता को हराकर विधानसभा पहुंचे पूर्व डिप्टी सीएम दुश्यंत चौटाला यहां फंस चुके हैं। उनके सामने कांग्रेस ने चौ. बीरेंद्र सिंह के बेटे पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह को भाजपा ने देवेंद्र अत्री को चुनाव मैदान में उतारा हुआ है। वैसे तो यहां इनेलो-बसपा और तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं, परंतु निर्दलीय वीरेंद्र घोघड़ियों की हर गांव में पकड़ है।

फिलहाल यहां मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच माना जा रहा है, परंतु चंद्रशेखर रावण के साथ फील्ड में उतरकर दुष्यंत भी अपनी जीत का रास्ता निकालने के प्रयास में हैं। ऐसे में अंतिम समय में ऊंट किस करवट बैठ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित भगवत दयाल के शर्मा के परिवार से आम आदमी पार्टी ने इंदु शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है।

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