Haryana Politics: हरियाणा लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त वापसी कर बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है। हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस ने पांच-पांच लोकसभा सीटों पर कब्जा किया। हरियाणा में रोहतक लोकसभा सीट से दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सांसद चुने जाने के बाद राज्यसभा की सीट खाली हुई है। अब इस सीट पर उपचुनाव होना है। जिसको लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच घमासान जारी है।

हरियाणा में राज्यसभा सीट के उपचुनाव के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में भी जुट गई हैं, लेकिन दोनों पार्टियों के लिए विधानसभा से पहले राज्यसभा सीट पर कब्जा करना बहुत ही अहम है।

कांग्रेस और बीजेपी को क्रॉस वोटिंग का डर

वहीं, राज्यसभा के लिए होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस और बीजेपी को क्रॉस वोटिंग का डर भी सता रहा है। ऐसा होने के पीछे सबसे बड़ा कारण जननायक जनता पार्टी (JJP) में टूट को माना जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि जेजेपी के कई विधायक पार्टी को छोड़कर जा सकते हैं और वह क्रॉस वोटिंग भी कर सकते हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि जेजेपी के विधायक पार्टी छोड़कर आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस या बीजेपी से टिकट की मांग भी कर सकते हैं।

हरियाणा में राज्यसभा की पांच सीटें

बता दें कि हरियाणा में राज्यसभा की कुल पांच सीटें हैं। इनमें से तीन पर बीजेपी के सुभाष बराला, रामचंद्र जांगड़ा और कृष्ण लाल पंवार सांसद हैं और एक सीट पर कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा सांसद थे, जिनके लोकसभा चुनाव जीतने के बाद ही यह सीट खाली हुई है। इसके चलते ही अब इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। वहीं, हरियाणा की आखिरी सीट पर निर्दलीय सांसद कार्तिकेय शर्मा जीते थे।

हरियाणा में राज्यसभा की इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टी जीत हासिल करना चाहती है। बीजेपी के पास भले ही संख्या बल पर्याप्त ना हो, लेकिन वह आसानी से इस सीट पर हार मानने वाली नहीं है।

किसके पक्ष में सीटों का गणित

बता दें कि हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें अभी 87 विधानसभा विधायक हैं। वहीं, बाकी तीन सदस्यों में निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद की मृत्यु हो चुकी और लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए रणजीत चौटाला ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा अंबाला सीट से सांसद चुने जाने की वजह से वरुण चौधरी को भी विधानसभा की सदस्यता छोड़नी होगी।

विपक्ष के पास हैं 44 विधायक

  • कांग्रेस 29
  • जेजेपी 10
  • निर्दलीय 4
  • इनेलो 1

सत्ता पक्ष के पास हैं 43 विधायक

  • बीजेपी 41
  • हलोपा 1
  • निर्दलीय 1

ऐसे में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई, तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है।