Haryana: हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग के सदस्य रहे नरेश सरदाना मंगलवार को सेवानिवृत हो गए, जिन्हें फेयरवेल पार्टी के साथ भावुक होकर विदाई दी गई। एचईआरसी के सदस्य (विधि) मुकेश गर्ग, सचिव नरेंद्र कुमार सहित आयोग के तमाम अधिकारीगण एवं कर्मचारियों ने उनके साथ काम करने के अपने अनुभव साझा किए और उनके सुखद भविष्य की कामना की। एचईआरसी के अध्यक्ष नन्द लाल शर्मा ने कहा कि एचईआरसी के सदस्य के तौर पर नरेश सरदाना ने बेहतरीन कार्य किया है। सरदाना के पास बिजली उत्पादन, प्रसारण, सिस्टम संचालन, प्रशासन और विनियामक शासन का व्यापक अनुभव है।
1998 में हुई हरियाणा में विद्युत विनियामक आयोग की स्थापना
एचईआरसी अध्यक्ष नन्द लाल शर्मा ने कहा कि हरियाणा देश का दूसरा प्रांत है, जिसने अपने यहां बिजली सुधारों को लागू किया और 1998 में हरियाणा में विद्युत विनियामक आयोग की स्थापना की। उस समय वह हिमाचल राज्य बिजली बोर्ड में सचिव के पद पर कार्यरत थे। हिमाचल में 30 दिसंबर 2000 को हिमाचल राज्य विद्युत विनियामक आयोग की स्थापना हुई। आज उन्हें प्रसन्नता है कि वह एचईआरसी के अध्यक्ष के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यहां आने से पहले सतलुज जल विद्युत निगम के सीएमडी के तौर पर कई वर्ष तक अपनी सेवाएं दी। आज सतलुज जल विद्युत निगम देश में हाइड्रो और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सराहनीय काम कर रही है। आज बिजली के क्षेत्र में अभूतपूर्व तरक्की हुई है।
एचईआरसी के न्यायिक आदेशों में सरदाना के तकनीकी ज्ञान की झलक
नंद लाल शर्मा ने कहा कि एचईआरसी के न्यायिक आदेशों में सरदाना के तकनीकी ज्ञान की झलक देखने को मिलती है। यह उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी सरदाना प्रदेश हित में लोगों की सेवाएं करते रहेंगे। एचईआरसी के सदस्य (विधि) मुकेश गर्ग ने नरेश सरदाना के कार्यों की जमकर सराहना की, उनके जाने से आयोग को उनकी कमी खलेगी। एचईआरसी के सचिव नरेंद्र कुमार ने कहा कि सरदाना को प्रशासनिक स्तर पर काफी अनुभव है। इससे उनके कार्यकाल में एचईआरसी के प्रशासनिक कार्य अच्छे से संपन्न हुए। प्रदीप मलिक ने नरेश सरदाना के कायों का संक्षिप्त परिचय दिया तथा कहा कि ज्ञान से बड़ा अनुभव होता है, इसलिए भविष्य में भी आयोग को उनके अनुभव का फायदा मिलता रहेगा।
एचईआरसी के सदस्य के तौर पर 29 मई 2019 को संभाला कार्यभार
एचईआरसी के सदस्य नरेश सरदाना ने कहा कि आयोग में उन्होंने 29 मई 2019 को कार्यभार संभाला था। उससे पहले एचएसईबी और बाद में एचएसईबी का पुनर्गठन होने के बाद यूएचबीवीएन में अपनी सेवाएं दी। एचईआरसी में सदस्य का पद ग्रहण करने से पहले वह निदेशक उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) के पद पर कार्यरत थे। 1 जुलाई 2015 को कुरूक्षेत्र के दयालपुर गांव से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने म्हारा गांव, जगमग गांव की शुरूआत की थी, उस टीम में भी काम किया। एक समय ऐसा था जब प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियां भारी वित्तीय घाटे में चल रही थी। उदय स्कीम, जिसे हरियाणा ने 2 मार्च 2016 को लागू किया, उदय स्कीम के तहत बिजली निगमों पर जो 34600 करोड़ का कर्ज था, उसका 75 प्रतिशत 25950 करोड़ सरकार ने टेकओवर किया। उसके बाद लगातार बिजली वितरण निगमों का एग्रीगेट ट्रांसमिशन एडं कॉमर्शियल लॉस घटता गया और अब प्रदेश की बिजली वितरण निगमों का सिंगल डिजिट में एटीएंडसी लॉस है।