Logo
Baba Prayaggiri Shivalaya Temple: हिसार के 200 साल पुराने बाबा प्रयाग गिरी शिवालय मंदिर प्रदेश में बहुत ही प्रसिद्ध है। सावन के माह में यहां पूजा करनी की अलग ही महत्वता है।

Baba Prayaggiri Shivalaya Temple: सावन के पावन दिनों की शुरुआत हो गई है।आज सावन का पहला सोमवार है। इस दिन मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। लोग अपनी आस्था और भक्ति से महादेव की पूजा करते हैं। महादेव की आराधना के लिए हर साल भक्तगण इस पावन दिन की प्रतीक्षा करते हैं। इस अवसर पर हरियाणा के हिसार में स्थित 200 साल से अधिक पुराने शिवालय मंदिर में सच्चे मन से पूजा अर्चना करने से सभी मन्नत पूरी होती है। इस मंदिर का इतिहास भी बहुत ही खास है।   

सबसे प्रसिद्ध मंदिर

बाबा प्रयाग गिरी शिवालय मंदिर हिसार के बस स्टैंड से करीब ढाई किलोमीटर दूर पड़ाव चौक के पास स्थित है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में सच्ची श्रद्धा से पूजा-अर्चना करने पर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यही कारण है कि यह मंदिर प्रदेश के सबसे पूराने और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।

वैसे तो इस मंदिर में भक्त भगवान शिव की प्रतिमा और शिवलिंग की हर दिन पूजा करते हैं, लेकिन सावन के पवित्र दिनों इस मंदिर में भक्तों का एक अलग ही जमघट देखने को मिलता है।

क्या है बाबा प्रयाग गिरी शिवालय मंदिर का इतिहास

ऐसा कहा जाता है कि यहां पर पहले एक त्रिवेणी होती थी, जहां एक शिवलिंग रखा हुआ था। इस त्रिवेणी से ही शिवलिंग पर जलअभिषेक भी हुआ करता था और स्थानीय लोग भी वहीं आकर पूजा किया करते थे। समय के साथ यहां मंदिर का निर्माण किया गया और धीरे-धीरे मंदिर का सौंदर्यीकरण होता गया और आज यह भव्य मंदिर बना हुआ है।

श्री प्रयाग गिरी शिवालय ट्रस्ट द्वारा की जाती है देखरेख

बाबा प्रयाग गिरी शिवालय मंदिर को श्री प्रयाग गिरी शिवालय ट्रस्ट द्वारा चलाता है। इस ट्रस्ट पर 5 स्कूलों की जिम्मेदारी भी है, जिसमें करीब 3 हजार स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। यह मंदिर पड़ाव चौक से जहाजपुल चौक मार्ग पर बना हुआ है। त्यागमूर्ति स्वामी गणेशानंद महाराज की यह कर्मभूमि रही है।

Also Read: हरियाणा के प्रसिद्ध शिव मंदिर: सावन में बनाएं यहां भोले बाबा के दर्शन करें, पूरी होगी सारी मनोकामनाएं

यहां चढ़ती है शहर की सबसे अधिक कांवड़ 

बाबा प्रयाग गिरी शिवालय मंदिर में हर साल शिवरात्रि के अवसर पर भक्तों को भंडारा कराया जाता है। हिसार शहर में सबसे ज्यादा कांवड़ भी इसी शिवालय पर चढ़ाई जाती है। कांवड़ियों के ठहरने के लिए भी व्यवस्था की जाती है। मंदिर में जनमाष्टमी, शिवरात्रि और गोवर्धन पूजा के अवसर पर बड़े कार्यक्रम कराए जाते हैं। इसके साथ ही साल भर यहां भक्तों का तांता लगा रहता है।

5379487