Holika Dahan 2024: कुछ जगहों पर होली का त्यौहार शुरू हो चुका है और देशभर में यह उत्सव इस साल 25 मार्च को मनाया जाएगा। वहीं, हमारे यहां रंग के उत्सव से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। ऐसे में जहां एक तरफ होली का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं, हरियाणा के हिसार जिले के एक ऐसा गांव जहां होलिका दहन और होली का त्यौहार नहीं मनाया जाता है।

हिसार का मंगाली गांव

हिसार का मंगाली गांव में आजादी के बाद से कभी भी होली का त्यौहार नहीं मनाया गया और न ही यहां पर होलिका दहन किया जाता है। गांव के लोगों का कहना है कि आजादी से पहले 3 बार यहां होलिका दहन किया गया, लेकिन उसके तुरंत बाद घरों या बाड़े में आग लग गई। वह आग कैसे लगी थी इसकी वजह नहीं पता चल पाया था, लेकिन तबसे लेकर आज तक यहां के लोगों ने होलिका दहन करना बंद कर दिया। उनका मानना है कि अगर होलिका दहन किया गया तो गांव में कुछ ना कुछ बुरा हो सकता है।  

पुरानी परंपरा को मानते हैं यहां के लोग

इस गांव में रहने वाले लोग आजादी के बाद से लगातार होली का त्योहार नहीं मनाने की परंपरा को ही मानते आ रहे हैं। उनका कहना है कि साल 1944, 1945 और 1946 होलिका जलाने पर गांव के घरों में आग लग गई, जिसके बाद से यहां कभी भी ना ही होलिका दहन दहन किया गया और न ही रंग खेला गया।  

होलिका दहन

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आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका

यह गांव में होली ना मनाने के साथ ही एक महत्वपूर्ण वजह से भी जाना जाता है। यहां के लोगों ने देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साल 1857 में मंगाली के क्रांतिकारियों ने हिसार जेल पर हमला करके 12 अंग्रेज अधिकारियों को मार गिराया था। उसके बाद मंगाली में पुरानी हवेली को अंग्रेज सैनिकों ने घेर लिया था, जिससे बचने के लिए 300 क्रांतिकारियों ने कुंए में छलांग लगा दी थी। कहा जाता है कि इस घटना में 30 से ज्यादा क्रांतिकारी मारे गए थे।