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आयुष मंत्री अनिल विज ने कहा कि सार्वजनिक हित को देखते हुए जल्द ही 22 आयुष योग निरीक्षकों व कोचों की भर्ती हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से की जाएगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है।

Haryana : हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य एवं आयुष मंत्री अनिल विज ने कहा कि सार्वजनिक हित को देखते हुए जल्द ही 22 आयुष योग निरीक्षकों व कोचों की भर्ती हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से की जाएगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। इनकी नियुक्ति के नियमों को आयुष विभाग द्वारा हरियाणा राज्य कर्मचारी चयन आयोग को भी भिजवा दिया हैं परंतु जनहित को ध्यान में रखते हुए इन पदों पर हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से भर्ती की जाएगी ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पडें।

हरियाणा योग आयोग ने आयुष मंत्री को भेजा था प्रस्ताव

हरियाणा योग आयोग द्वारा इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार करके आयुष मंत्री को भेजा गया था। इस प्रस्ताव को आयुष मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री से स्वीकृति के लिए अग्रेशित किया गया और इस पर मुख्यमंत्री ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। आयुष विभाग हरियाणा द्वारा 3 आयुर्वेदिक अस्पताल, 1 युनानी अस्पताल, 6 आयुर्वेदिक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 6 पंचकर्मा केन्द्र, 515 आयुर्वेदिक, 19 युनानी और 26 होम्योपैथिक औषधालय तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अर्न्तगत 21 जिला अस्पतालों, 98 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा 109 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आयुष ओपीडी की सुविधा प्रदान की जा रही है। आयुष का बजट 2014-15 में 126.12 करोड़ रुपए था, जो अब बढ़कर 2023-24 में 448.50 करोड़ रुपए हो गया है। इसी प्रकार, राज्य में आयुष की ओपीडी 2014-15 में 31.89 लाख थी जो अब बढ़कर 61.86 लाख हो गई है, जिसमें 93.94 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

पॉलिसी फोर सर्टिफिकेशन एण्ड स्टेर्ण्टडाईजेशन आफ आयुष फैसीलिटिज लागू की

हरियाणा सरकार ने आयुष प्रणाली व सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति पॉलिसी फोर सर्टिफिकेशन एण्ड स्टेंर्डडाईजेशन आफ आयुष फैसीलिटिज लागू की है। यह नीति आगामी 31 अक्टूबर 2027 तक लागू रहेगी। हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारकों और उनके आश्रितों को बड़ी राहत देते हुए आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति के प्रस्ताव को पास किया है, जिसका मकसद राज्य सरकार के सभी लाभार्थियों तक अपनी पहुंच के माध्यम से आयुष प्रणाली का उत्थान करना है। नई नीति के तहत सभी सरकारी आयुष संस्थान, निजी आयुष अस्पताल, जिनके पास एनएबीएच प्रमाणपत्र और प्रवेश स्तर के एनएबीएच प्रमाणपत्र हैं, उन्हें इस नीति के तहत सूचीबद्ध किया जाएगा। इससे आयुष निजी चिकित्सकों को बढ़ावा मिलेगा और वह अपने अस्पतालों को सूचीबद्ध करवा सकेंगे।

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