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हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि सरकार स्पेशलिस्ट कैडर बनाने जा रही है। इस पर सैद्धांतिक तौर पर सहमति दे दी गई है। फाइल वित्त विभाग के पास हैं और जैसे ही इस बारे में अनुमति मिलेगी, स्पेशलिस्ट कैडर तथा एमबीबीएस कैडर की अलग-अलग रिक्तियों को निकाला जाएगा।

Haryana Assembly: चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री अनिल विज ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार स्पेशलिस्ट कैडर बनाने जा रही है और इस पर सैद्धांतिक तौर पर सहमति दे दी गई है। इस संबंध में फाइल वित्त विभाग के पास हैं और जैसे ही इस बारे में अनुमति मिलेगी तो स्पेशलिस्ट कैडर तथा एमबीबीएस कैडर की अलग-अलग रिक्तियों को निकाला जाएगा। अनिल विज विधानसभा बजट सत्र के दौरान लगाए गए एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।

प्रदेश में बड़े स्तर पर की गई डॉक्टरों की नियुक्ति

अनिल विज ने बताया कि राज्य में पहली बार डॉक्टरों की नियुक्ति बड़े स्तर पर की गई है, जिसके तहत साल 2022 में 1252 डॉक्टरों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था। 990 चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्त किया गया। यह ठीक बात है कि राज्य में डॉक्टरों की कमी है और सरकार पूरा प्रयास कर रही है कि मानदंडों के अनुसार डॉक्टरों की भर्ती हो। राज्य में 2017-18 में 662 डॉक्टरों की भर्ती निकाली गई थी, जिनमें से 554 डाक्टरों को नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार, साल 2020 में 954 डॉक्टरों को नियुक्त किया गया है। 2022 में 1252 डॉक्टरों की रिक्तियों के विरुद्ध 990 चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं।

प्रदेश में 5522 डॉक्टरों के कुल पद स्वीकृत

अनिल विज ने बताया कि भर्तियों की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है। वर्तमान में राज्य में 5522 डॉक्टरों के कुल स्वीकृत पद हैं जिनमें से 4016 डॉक्टर के पद भरे हुए हैं और वर्तमान में 1506 रिक्त पद हैं। डॉक्टर कई बार नौकरी छोड़कर चले जाते हैं और पद रिक्त हो जाते हैं। लेकिन वर्तमान राज्य सरकार स्पेशलिस्ट कैडर बनाने जा रही है और हमने इस पर सैद्धांतिक तौर पर सहमति दे दी है।

नागरिक अस्पतालों में जन औषधि केंद्र किए स्थापित

अनिल विज ने कहा कि राज्य के सभी नागरिक अस्पतालों में जन-औषधि केन्द्र स्थापित किए जाएंगे और इस संबंध में केन्द्र सरकार से बातचीत चल रही है। इन जन-औषधि केन्द्रों में फार्मासिस्ट भी नियुक्त किए जाएंगे। वर्तमान में राज्य में सभी 22 जिलों को कवर करते हुए खुदरा दवा लाइसेंस रखने वाले लगभग 171 केन्द्र हैं। सरकारी अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों में पांच केन्द्र चल रहे हैं। प्रत्येक जिले में स्वास्थ्य कल्याण समिति को कार्य करने के लिए प्राधिकृत किया गया है। इनमें से करनाल, भिवानी, रेवाड़ी, गुरूग्राम और यमुनानगर के जिला अस्पतालों में पांच जन-औषधि केन्द्रों ने काम करना शुरू कर दिया है।

17 जिलों में सीटी स्कैन की सेवाएं हैं चालू

अनिल विज ने कहा कि राज्य के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में पीपीपी मोड के तहत सीटी स्कैन/एमआरआई स्कैन को शुरू किया गया है। वर्तमान में झज्जर, चरखी-दादरी, फतेहाबाद, नूंह और नारनौल को छोड़कर 17 जिलों में सीटी स्कैन सेवाएं चालू हैं तथा झज्जर व चरखी-दादरी के लिए निविदाएं जारी की गई है। एमआरआई सेवाएं 5 जिलों अंबाला, भिवानी, फरीदाबाद, गुरूग्राम और पंचकूला में उपलब्ध हैं और 6 जिलों कुरूक्षेत्र, पानीपत, बहादुरगढ़ झज्जर, पलवल, चरखी-दादरी और यमुनानगर के लिए निविदा पहले ही जारी की जा चुकी है।

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