Action of HRERA: हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (HRERA) गुरुग्राम ने वाटिका बिल्डर पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। बताया जा रहा है कि यह जुर्माना उन्हें उनके प्रोजेक्ट वाटिका इंडिया नेक्स्ट की घोषणा के पांच साल बाद रेरा में पंजीकरण कराने के लिए लगाया गया है। प्राधिकरण द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, यह संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 की धारा 3 (1) का उल्लंघन किया गया है

प्राधिकरण ने लिया संज्ञान 

प्राधिकरण ने पाया कि मेसर्स वाटिका लिमिटेड ने अपने आवासीय रियल एस्टेट प्रोजेक्ट वाटिका इंडिया नेक्स्ट के लिए साल 2013 में हरियाणा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीसीपी) विभाग से लाइसेंस लिया था। इसके बाद प्रमोटर को तीन महीने के भीतर रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना था। प्राधिकरण ने कहा कि जब रेरा ने मामले पर गंभीरता से संज्ञान लिया तो मेसर्स वाटिका लिमिटेड ने रेरा पंजीकरण के लिए पांच साल बाद 2022 में हरियाणा अधिसूचना के बाद आवेदन किया।

परियोजना के लिए पंजीकरण अनिवार्य

प्राधिकरण के अध्यक्ष ने बताया यह एक चालू परियोजना थी। प्रमोटर को दंड से बचने के लिए समय रहते  पंजीकरण करा लेना चाहिए था। उन सभी चालू रियल एस्टेट परियोजना कार्यों के लिए पंजीकरण अनिवार्य है। बता दें कि 2016 में अधिनियम लागू होने से पहले प्रतिस्पर्धा प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए थे।

अधिनियम 2016

अधिनियम-2016 की धारा-3 (1) में कहा गया है कि प्रमोटर किसी भी प्लॉट, विपणन, पुस्तक, अपार्टमेंट या इमारत का विज्ञापन की बिक्री या बिक्री की पेशकश नहीं कर सकते हैं। इस अधिनियम के तहत स्थापित रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण के साथ रियल एस्टेट परियोजना को रजिस्टर किए बिना किसी भी क्षेत्र में कोई भी रियल एस्टेट परियोजना या उसका हिस्सा नहीं बना सकता है।

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वहीं,  इस मामले को लेकर जब प्रमोटर ने प्रोजेक्ट को लेकर सभी अनिवार्य मंजूरी जमा की तब प्राधिकरण ने इसे मंजूरी दी। साथ ही प्राधिकरण ने धारा-3 के उल्लंघन पर कार्यवाही करते हुए धारा 59 के तहत 5 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया।