वायुसेना का लड़ाकू विमान पंचकूला में दुर्घटनाग्रस्त: अंबाला से जगुआर ने भरी थी प्रशिक्षण उड़ान, जानें पायलट का क्या रहा?

Panchkula Jaguar Fighter Plane Crashes: हरियाणा के पंचकूला में वायुसेना का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। यह विमान वायुसेना का जगुआर विमान है। वायु सेना की तरफ से जांच के आदेश दे दिए गए हैं।;

Update:2025-03-07 17:41 IST
वायुसेना का जगुआर प्लेन पंचकूला में क्रैश।Jaguar Fighter Plane Crashes
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Panchkula Jaguar Fighter Plane Crashes: हरियाणा के पंचकूला से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। पंचकूला में आज यानी 7 मार्च को भारतीय वायुसेना का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। यह हादसा प्रशिक्षण उड़ान के दौरान हुआ है। भारतीय वायुसेना का जो विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ है, वह जगुआर विमान है।  गनीमत रही कि फाइटर प्लेन का पायलट समय रहते विमान से बाहर निकल गया और वह फिलहाल सुरक्षित भी है। बताया जा रहा है कि विमान ने प्रशिक्षण उड़ान के लिए अंबाला एयरबेस से उड़ान भरी थी, लेकिन उड़ान भरने के बाद सुरक्षित लैंडिंग करने से पहले विमान दुर्घटना का शिकार हो गया। उधर, वायु सेना ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। खबर से जुड़ी जानकारी की प्रतीक्षा है।

पायलट को हो गया था क्रैश होने का अंदेशा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हादसा पंचकूला के मोरनी में बालदवाला गांव के पास हुआ है। अधिकारी ने विमान हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। हादसे के वक्त पायलट खुद को पैराशूट की मदद से बाहर निकालने में कामयाब रहा, जिसके कारण उसकी जान बच सकी है। बताया जा रहा है कि पायलट को प्लेन क्रैश होने के अंदेशा हो गया था, इसलिए पहले तो पायलट विमान को रिहायशी इलाके से दूर ले गए, फिर वहां पैराशूट से कूद गए। यह हादसा शाम 3:45 पर हुआ है। पायलट की सूझबूझ के कारण हादसे में किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है। अगर पायलट विमान को रियाशी इलाके से दूर लेकर नहीं जाता, तो क्रैश में कई लोगों की जान जा सकती थी।

क्या है जगुआर विमान की खासियत?

शुरुआती रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि तकनीकी खराबी के कारण विमान हादसा हुआ है। जगुआर फाइटर प्लेन एक ट्विन-इंजन डीप पेनेट्रेशन स्ट्राइक एयरक्राफ्ट है। यह दशकों से भारतीय वायुसेना का अहम हिस्सा रहा है। यह विमान कम ऊंचाई पर स्ट्राइक करने की विशेष क्षमता के लिए जाना जाता है। इस विमान को उड़ान भरने के लिए बड़ी रनवे की भी जरूरत नहीं पड़ती है, यह छोटे रनवे पर भी आसानी से उड़ान भर सकती है।

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