Haryana : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की खास मुहिम मिशन कर्मयोगी के तहत बुधवार को हरियाणा के आईएएस और आईपीएस गुरु मंत्र लेंगे। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। दो व तीन दिन पहले ही इस बारे में बुलाए जाने वाले अफसरों को सूचना दी गई है। सूबे में शुरू की गई अनूठी पहल के तहत ही बुधवार को प्रदेश के ब्यूरोक्रेट्स भी शामिल होने की तैयारी में हैं। मधुबन करनाल में पुलिस कांप्लेक्स में मुख्यमंत्री आईएएस और आईपीएस को कर्मयोग का पाठ पढ़ाएंगे। इस बारे में सभी अफसरों को शिविर में शामिल होने के लिए खास दिशा निर्देश जारी कर दिए गए थे। यह जानकारी मुख्य सचिव संजीव कौशल ने दी।
प्रदेश के 3 लाख अधिकारी व कर्मचारियों को देंगे संदेश
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य प्रदेश सभी तीन लाख अधिकारी-कर्मचारियों को भूमिकाओं में और अधिक नागरिक-केंद्रित व नैतिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए तैयार करना है। मुख्यमंत्री ने इसकी पहल करते हुए सभी कर्मियों और अफसरों को इसमें अनिवार्य तौर पर शामिल करने के निर्देश जारी किए है। कर्मयोग का पाठ पढ़ाने के लिए नैतिकता शिविर को दो समूहों में बांटा गया है जिसमें 31 जनवरी के अलावा 6 फरवरी को पंचकूला में शिविर आयोजित किए जाएगा। शिविरों में राज्य सरकार के सभी आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, अन्य सेवाओं और एचसीएस अफसरों के लिए एक विशेष सत्र रखा है।
दिशा निर्देशों को गंभीरता से ले अधिकारी
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि शिविर में अपने विचार रखने के लिए प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों और विशेषज्ञों को आमंत्रित किया है। मिशन कर्मयोगी हरियाणा कार्यक्रम के तहत कार्यस्थल नैतिकता, निष्ठा, चुनौतियां, प्रलोभनों और प्रतिकूल परिस्थितियों में सही निर्णय लेने की संस्कृति विकसित करने के महत्व पर बल दिया जाएगा।
कर्मयोगी के जरिए अफसरों और कर्मियों में भरी जाएगी नैतिकता
राज्य में पारदर्शी व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर रोक के लिए नियम व कानून बने हुए हैं, उनके तहत दंड भी दिया जा रहा है। एसीबी अपनी मुहिम के तहत पकड़ भी रही है लेकिन दंड और भय से कोई व्यक्ति तो ठीक हो सकता है, लेकिन सिस्टम ठीक नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री का कहना है कि हम अपने नैतिक व्यवहार, मूल्यों और सिद्धांतों को और भी सुदृढ़ करें तथा कर्तव्य पालन एवं सेवा भाव पर जोर दें। इसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य सरकार ने मिशन कर्मयोगी हरियाणा चलाया है। इसके तहत प्रदेश के 3 लाख कर्मचारियों के नैतिक प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा है।