Rohtak: जाट अखाड़ा हत्याकांड में दोषी सुखविंद्र की रहम की याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया। साथ ही मामले को अति गंभीर अपराध मानते हुए सुखविंद्र को फांसी की सजा सुनाई। साथ ही हथियार उपलब्ध करवाने के दोषी मुजफ्फरनगर निवासी पूर्व फौजी मनोज को तीन वर्ष की सजा सुनाई। दोषी के रहम मांगने की याचिका पर अदालत ने स्पष्ट कहा कि क्या सरताज किसी का बेटा नहीं था। दोषी को फांसी की सजा मिलने के बाद पीड़ित परिवार संतुष्ट नजर आया।

फरवरी 2021 में अखाड़े में घुसकर 6 लोगों को उतारा था मौत के घाट

जानकारी अनुसार मथुरा निवासी एक महिला पहलवान जाट अखाड़े में प्रशिक्षण ले रही थी। महिला पहलवान ने मुख्य कोच मनोज मलिक को शिकायत देकर कहा कि कोच सुखविंद्र उसे परेशान कर रहा है और शादी के लिए दबाव बना रहा है। इस बात को लेकर मुख्य कोच मनोज मलिक ने कोच सुखविंद्र को अखाड़ा छोड़ने की चेतावनी दी थी। इसी बात से खफा कोच सुखविंद्र ने 12 फरवरी 2021 को अखाड़े में घुसकर मुख्य कोच मनोज मलिक, उसकी पत्नी साक्षी मलिक, कोच सतीश, मोखरा निवासी प्रदीप, महिला पहलवान व मुख्य कोच मनोज मलिक के दो वर्षीय बेटे सरताज के सिर में गोली मारकर हत्या कर दी। इतना ही नहीं, दोषी सुखविंद्र ने निडाना निवासी कोच अमरजीत पर भी गोली चलाई, लेकिन उसकी जान बच गई। पुलिस ने हत्यारो कोच सुखविंद्र को बादली के पास से गिरफ्तार कर लिया था। तभी से मामला विचाराधीन था।

सोनीपत के गांव बरौदा का रहने वाला है दोषी सुखविंद्र

जाट अखाड़ा हत्याकांड का दोषी सुखविंद्र सोनीपत के गांव बरौदा का रहने वाला है। रंजिश के चलते सुखविंद्र ने अखाड़े में घुसकर 6 लोगों की हत्या कर दी थी, जबकि एक अन्य कोच को गोली मारी थी, जो भाग्य से बच गया। मृतकों के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने दोषी सुखविंद्र कोच को बादली से काबू कर अदालत में पेश किया। तभी से मामला अदालत में विचाराधीन था। मामले में 21 फरवरी को अदालत ने सुनवाई के बाद फैसला न सुनाते हुए 23 फरवरी की तिथि निर्धारित कर दी थी। अदालत ने आज दोषी सुखविंद्र की रहम की याचिका को ठुकराते हुए फांसी की सजा सुना दी। कोर्ट ने कहा कि यह जुर्म रहम के लायक नहीं है। दोषी को फांसी की सजा मिलने के बाद मृतकों के परिजन संतुष्ट दिखाई दिए।