Jind: परिवहन विभाग द्वारा जींद डिपो में 11 नई बसें भेजी गई हैं। परमिट व फास्ट-टैग जैसी कागजी कार्रवाई के बाद इन बसों को ऑनरूट किया जाना है। यह 11 बस आने के बाद डिपो में रोडवेज बसों की संख्या 203 हो गई है। जींद डिपो की 192 बसों में हर रोज 17 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं। जिससे जींद डिपो को हर रोज 13 लाख रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त होता है। ऐसे में नई बस आने पर यात्रियों को राहत मिलेगी और जिन रूट पर अभी बसों की संख्या कम है, उस रूट पर बसों को चलाने का प्रयास रहेगा।

192 बसों में किलोमीटर स्कीम की 37 बस शामिल

जींद डिपो से 192 बस विभिन्न रूटों पर चल रही हैं। 192 बसों में किलोमीटर स्कीम की 37 बस शामिल हैं, जिस पर चालक परिवहन समिति का ऑपरेटर व परिचालक रोडवेज कर्मचारी है। इस समय डिपो में 267 परिचालक व 243 चालक हैं। 1:7 नियम के हिसाब से ओवरटाइम शून्य करने के लिए डिपो में 203 बसों पर 345 चालक व परिचालक की जरूरत है। ऐसे में बसों का संचालन सुचारू रूप से जारी रखने के लिए चालक व परिचालकों को ओवरटाइम दिया जा रहा है। जबकि परिवहन विभाग की ओर से एचकेआरएन के तहत 30 परिचालक भेजे जाने हैं। इससे पहले भी एचकेआरएन के तहत 23 परिचालकों की भर्ती डिपो में हो चुकी है।

डिपो में आ चुकी हैं 11 नई बसें

जींद डिपो के डीआई जसमेर खटकड़ ने बताया कि डिपो में 11 नई बस आ चुकी है। फास्ट-टैग लगने तक बसों को हांसी, रोहतक व असंध जैसे लोकल रूटों पर चलाया जाएगा। वहीं फास्ट-टैग लगने के बाद बसों को यात्रियों की सुविधा अनुसार लंबे रूट पर भेजा जा सकता है। बसों की कागजी कार्रवाई को जल्द पूरा करवाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सके।