Jind: सर्दी बढ़ने के साथ ही नागरिक अस्पताल में मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है। इस समय ओपीडी में बुखार, सर्दी, जुखाम, कोल्ड, वायरल, खांसी, सांस लेने में दिक्कत के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। शनिवार को ओपीडी में इन मरीजों की संख्या अधिक रही। इसमें सबसे ज्यादा संख्या बुजुर्गों व बच्चों की थी, जिन्हें सांस लेने में परेशानी थी। वहीं छोटे-छोटे बच्चे बुखार व सर्दी, खांसी से पीड़ित थे। चिकित्सकों के अनुसार सर्दियों के मौसम में वायरल इंफेक्शन होने का खतरा रहता है, इसलिए ठंड में सेहत का विशेष ध्यान रखें। खासकर बच्चों और बुजुर्गों का। क्योंकि इस मौसम में जरा सी लापरवाही कोल्ड डायरिया से लेकर निमोनिया का कारण बन सकती है।

प्रतिदिन पहुंचते हैं 800 मरीज, 250 मरीज सर्दी, बुखार से पीड़ित 

नागरिक अस्पताल में इन दिनों प्रतिदिन 800 पर्ची बन रही है। सोमवार व शनिवार को यह संख्या एक हजार से ऊपर तक पहुंच जाती है। इनमें से लगभग 250 मरीज ऐसे हैं जिन्हें वायरल या फिर सर्दी, खांसी, जुखाम है। वहीं पिछले एक सप्ताह से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में उतार चढ़ाव बना हुआ है। जिसके चलते इस समय सर्दी, जुखाम, बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है।

यह हैं वायरल बुखार के लक्षण

नागरिक अस्पताल के एमएस डॉ. राजेश भोला ने बताया कि वायरल बुखार के मुख्य लक्षण गले में खराश और कंपकपी, खांसी, जुखाम, तेज बुखार, थकान, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों व बदन में दर्द, सिर और गले में दर्द, आंखें लाल होना आदि हैं। ऐसे में तुरंत प्रभाव से चिकित्सक की सलाह लेकर दवा लेनी चाहिए। बच्चों तथा वृद्धों के स्वास्थ्य व स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान

नागरिक अस्पताल के एमएस डॉ. राजेश भोला ने बताया कि ठंड से बचने के लिए कई परत में गर्म कपड़े पहनें। गर्म पानी का सेवन करें। ठंडा पानी नुकसान पहुंचा सकता है। सर्दी से बचने के लिए मुंह और सिर ढक कर रखें। मास्क अवश्य पहनें। यह कोरोना के साथ अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाएगा। शारीरिक स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। इस मौसम में ठंड से बचाव बेहद जरूरी है।

वायरल होने पर तुरंत चिकित्सक से उपचार करवाएं : डॉ. गोपाल गोयल

नागरिक अस्पताल के सीएमओ डॉ. गोपाल गोयल ने बताया कि ठंडा मौसम वारयल फीवर का कारण बना हुआ है। इस मौसम में लोगों को खांसी, जुखाम, बदन दर्द, गला दर्द जैसी कई समस्याएं होती हैं। इसमें होने वाला वायरल फीवर हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है, जिसकी वजह से शरीर में इंफेक्शन बहुत तेजी से बढ़ता है। वायरल के संक्रमण बहुत तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुंच जाता है। ऐसे में हमें विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है।