Jind: स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लड़का होने की गारंटी के साथ दवा देते हुए एक युवक को वीरवार जाट धर्मशाला के निकट एक रेस्टोरेंट से रंगे हाथों काबू किया। युवक रेस्टोरेंट में 1500 रुपए लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा डिकाय बनाकर भेजी गई महिला को दवाई देने के लिए पहुंचा था। युवक ने आते ही महिला को माचिस की डिब्बी में तीन सफेद रंग की गोलियां दी। जांच में सामने आया कि ग्राहकों की तलाश के लिए आरोपित फेसबुक के ग्रुप का प्रयोग करता था। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने युवक को काबू करके सिविल लाइन थाना पुलिस के हवाले कर दिया। पकड़े गए युवक की पहचान रोहतक जिले के गांव लाहली निवासी नीरज के रूप में हुई।
फेसबुक पेज पर लड़का होने की दवाई देने का डाला मैसेज
सीएमओ डॉ. गोपाल गोयल ने बताया कि नीरज फेसबुक पर पोस्ट डालता था कि कोई भी भाई, भाभी लड़का होने की दवाई उससे ले सकता है। बाद में ध्यान दिया गया तो पता लगा कि उसने दस से 15 ग्रुप में यह पोस्ट डाल रखी थी। नीरज को पकड़ने के लिए सिविल सर्जन डॉ. गोपाल गोयल ने टीम तैयार की, जिसमें डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. पालेराम कटारिया, डॉ. दीपक व फर्जी ग्राहक (डिकॉय) शामिल थे। नीरज ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार किए गए फर्जी ग्राहक के पास क्यूआर कोड भेजकर 1500 रुपए की मांग की। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्यूआर कोड पर 1500 रुपए भेज दिए। नीरज ने कुल पांच हजार रुपए की मांग की थी, जिसमें से 1500 रुपए पहले मांगे गए थे। नीरज ने फर्जी ग्राहक को जींद के एक निजी होटल में मिलने के लिए बुलाया। जहां स्वास्थ्य विभाग व पुलिस टीम ने उसके दबोच लिया।
फेसबुक पर नवजोत कुमार के नाम से बना रखी थी आईडी
पकड़े गए युवक का नाम नीरज कुमार है जो 25 वर्षीय है। उसने फेसबुक पर नवजोत कुमार के नाम से आईडी बना रखी थी। फेसबुक आईडी पर नीरज पोस्ट डालता था कि हमारे यहां लड़का होने की दवा दी जाती है। चाहने वाले भाई बहन या भाभी जरूर संपर्क करें। आप की वजह से किसी के घर में रौनक आ जाएगी। नोट जिस को जरूरत है, वहीं एसएमस करें। इस पोस्ट को पढ़ने के बाद ही स्वास्थ्य विभाग ने उसे पकड़ने के लिए योजना बनाई और जाल बिछाकर उसे पकड़ लिया।
लड़का होने की दवा देने वालों पर विशेष नजर : डॉ. पालेराम
नागरिक अस्पताल के डिप्टी सीएमओ डॉ. पालेराम कटारिया ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा रही है जो लड़का होने की दवा देने की बात करते हैं। लड़का व लड़की में कोई फर्क नहीं है। अगर कोई कन्या भ्रूण हत्या या फिर लड़का होने की दवा देता है तो इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी जा सकती है। सूचना पर विभाग द्वारा तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।