Fatehabad: जननायक जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह द्वारा पार्टी से इस्तीफा दिए जाने के दूसरे दिन फतेहाबाद के जजपा नेताओं ने निशान सिंह को अति महत्वकांक्षी और स्वार्थी बताते हुए कहा कि निशान सिंह को पार्टी ने साढ़े 4 साल तक झेला है। वह हर 6 माह बाद फूफा की तरह रूठ जाते थे। उनके जाने से संगठन में रत्तीभर भी असर नहीं होने वाला। पार्टी के जिला कार्यालय में जेजेपी के जिला प्रधान रविन्द्र बैनीवाल व रतिया हलका प्रधान राकेश सिहाग पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
सरकार में हिस्सेदारी के दौरान निशान सिंह पर मलाई खाने का लगाया आरोप
जजपा नेताओं ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह और प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र ने ही पार्टी छोड़ी है, उनके अलावा जिले से संगठन के किसी नेता ने पार्टी नहीं छोड़ी। ममता कटारिया और रेखा शाक्य द्वारा पार्टी छोड़ने की जो बातें हो रही हैं, वे काफी समय से पार्टी में कोई पद पर नहीं थी। निशान सिंह हर 4-6 माह में इस तरह रूठ जाते थे, जैसे विवाह में फूफा रूठता है। साढ़े चार साल पहले जब पार्टी सत्ता में आई तो उनके नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने काम किया। इस दौरान निशान सिंह ने जमकर मलाई खाई। आज वह कह रहे हैं कि उनकी भावनाओं से खिलवाड़ किया गया है।
निशान सिंह ने कार्यकर्ताओं को किया अनदेखा
जेजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि निशान सिंह ने कार्यकर्ताओं का कभी फायदा नहीं देखा और अपने ही फायदे के लिए फैसले लिए। छोटे से छोटा फैसला व सरकार को अपने हिसाब से वे चलाना चाहते थे। कार्यकर्ताओं का उन्होंने जमकर शोषण किया। उनकी महत्वाकांक्षा काफी बढ़ चुकी थी। उनके जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, बल्कि कार्यकर्ता अब और मजबूती से काम करेंगे। शोषण के सवाल पर जजपा नेताओं ने बताया कि हर छोटे से छोटे कार्यकर्ताओं से वे टस्ल रखते थे, कार्यकर्ताओं ने धीरे-धीरे यह दौर निकाला और अब तक इसलिए नहीं बोले ताकि पार्टी में मजबूती बनी रहे। संगठन का प्रोटोकॉल बना रहे।
निशान सिंह ने लिखित इस्तीफा भेजा
सोमवार को निशान सिंह ने मौखिक इस्तीफा देने की बात कहकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला को स्वयं इस्तीफा सौंपने की बात कही थी। इसके दूसरे दिन ही उन्होंने पार्टी के लैटरहेड पर इस्तीफा लिखकर सोशल मीडिया के माध्यम से ही भेज दिया। उधर, जजपा के जिला प्रधान रहे व वर्तमान में प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेन्द्र लेगा के निवास पर इस्तीफा देने के दूसरे दिन ही उनके नाम के बोर्ड को भी हटा दिया गया।