Kaithal: ट्रेडिंग करवाने के नाम पर कुछ आरोपियों द्वारा करोड़ों रुपए की ठगी करने से तंग आकर एक 30 वर्षीय युवक ने सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली। मामले का खुलासा तब हुआ, जब युवक के परिजनों ने उसका मोबाइल चैक किया और रिकॉडिंर्ग व संदेश पढ़े। मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस मामले में आरोपियों की तलाश कर रही है।
मृतक ने पुराने घर में जाकर लगाया फांसी का फंदा
वार्ड नंबर 13 कलायत की रोशनी देवी ने पुलिस को शिकायत दी कि उसका लड़का अंशुल गुप्ता अविवाहित था। उसने करीब 10-12 साल से एचडीएफसी बैंक कलायत के पास किसान सेवा केंद्र के नाम से पेस्टीसाइड दवाइयों की दुकान की हुई थी। दुकान का मालिक अंशुल खुद था। 13 जनवरी को वह अपने नए मकान पर थी। उसे दोपहर के समय सूचना मिली कि अंशुल ने दुर्गा मार्केट के पास बने पुराने मकान में फांसी लगाकर कर आत्महत्या कर ली। वह अपने परिवार व पड़ोसियों के साथ अपने पुराने मकान में पहुंची तो पाया कि अंशुल ने मकान में बने कमरे में फांसी लगाई हुई थी। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी और पुलिस मौके पर आ गई।
मृतक ने छोड़ा सुसाइड नोट, मौत का नहीं ठहराया कोई जिम्मेदार
पुलिस को मृतक की जेब से मिले सुसाइड नोट में लिखा था कि मैं आत्महत्या कर रहा हूँ, मेरी मौत का कोई जिम्मेदार नहीं है। इस संबंध में पुलिस ने उसके देवर अग्रसेन कॉलोनी कैनाल रोड नरवाना निवासी रविंद्र के ब्यान पर कार्यवाही की। फिर उसने अपनी बेटी अनिका गुप्ता की सहायता से अंशुल के मोबाइल का लॉक खोलकर उसकी व्हाट्सएप चैटिंग पढ़ी व रिकॉडिंर्ग को सुना तो अंशुल ने अपने मोबाइल क्रूए, बीबी डिपोजिट, बीबीबीबी नाम से सेव नंबरों व एक अन्य पर अपने हाथ से लिखित पत्र भेजा हुआ था। इसमें अंशुल ने लिखा हुआ कि मेरी मौत का कारण आज ये चार लोग हैं। उन्होंने आज मेरे 242000 रुपए खाए हैं। पहले भी ये लोग मुझ से एक करोड़ रुपए ले धोखे से ले चुके हैं। दूसरे पेज पर लिखा था कि ये लोग दो नंबर में ट्रेडिंग करवाते हैं और लोगों का जो पैसा खाते हैं, उसी प्रकार ये लोग मेरा एक करोड़ रुपया खा चुके हैं और इनकी गलती पकड़ी तो उल्टा मुझे ही गलत साबित करने लगे। मैं तो अपनी जिदंगी समाप्त कर रहा हूं। परंतु मम्मी पापा आप इनको पूरा सबक सिखा देना कि ये कैसे करते है लोगों के साथ धोखा।
मोबाइल नंबरों पर अंशुल की मिली संदिग्ध चैटिंग
शिकायतकर्ता ने बताया कि अंशुल के फोन पर मिले मोबाइल नंबरों पर अंशुल के साथ कई संदिग्ध चैटिंग हैं। इसके इलावा बैंक कर्मियों ने उसके बेटे को बहकाकर धोखे से लोन करवाकर रजिस्ट्री अपने पास गिरवी रख ली। रजिस्ट्री उसके नाम है, लेकिन उसके खाते में लोन के नाम का कोई रुपया नहीं आया। बैक कर्मियों की भी संदिग्ध रिकॉर्डिंग अंशुल के मोबाइल में है। उसे अब पूरा विश्वास हो चुका है कि अंशुल ने चार मोबाइल नंबर धारकों व बैंक कर्मियों द्वारा तंग करने पर आत्महत्या की है। मामले के जांच अधिकारी बलवान सिंह ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।