Kaithal: मलेशिया भेजने के नाम पर एक युवक से दो लोगों ने छह लाख रुपए की ठगी की। उसे मलेशिया से पहले अलग-अलग जगह बंधक बनाकर रखा और बाद में मलेशिया की एक फैक्टरी में मजदूर बनाकर भेजा गया। फैक्टरी से भागने के बाद आरोपी ने उसके परिजनों ने फिरौती मांगी। पैसे मिलने के बाद उसे बाहर छोड़ दिया। जैसे तैसे वह भारत लौटा और आरोपियों से अपने पैसे वापस मांगे। पैसे मांगने पर आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी दी। शहर थाना पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस मामले में आरोपियों की तलाश कर रही है। जल्द ही आरोपियों को काबू कर मामले का खुलासा किया जाएगा।

आरोपी रमन व देव शर्मा ने मलेशिया भेजने का दिया था आश्वासन

नानकपुरी कॉलोनी के जमशेर ने शहर थाना में शिकायत दी कि उसका विदेश जाने का मन था। इस संबंध में शहर के ही रहने वाले रमन और देव शर्मा उससे मिले। आरोपियों ने उसको मलेशिया भेजने का आश्वासन देते हुए कहा कि मलेशिया भेजने में साढ़े छह लाख रुपए खर्च आएगा। आरोपियों ने उससे 17 अगस्त 2023 को दस्तावेज और तीन लाख 67 हजार रुपए ले लिए। 22 अगस्त को आरोपी उसे दिल्ली हवाई अड्डा ले गए और बैंकॉक भेज दिया। वहां पर उसको 15 दिन का ऑन अराइवल वीजा दिलवाया। कुछ समय बाद डोंकर वहां पर आए और उसको जंगल में ले गए। उसको जंगल में दो दिनों तक भूखा प्यासा एक झोपड़ी में रखा। वहां उसके अलावा चार-पांच लोग और भी थे। दो दिनों तक जंगल में रखने के बाद डोंकर उसको नाव में मलेशिया बॉर्डर तक लेकर गए। मलेशिया बॉर्डर पहुंचने के बाद डोंकर उसको कोटाबारू नाम की एक जगह पर लेकर गए और वहां पर उसे व अन्य चार-पांच लोगों को बस में बैठा दिया। बाद में उनको कुलुमपुर टीबीएस नाम की एक जगह पर छोड़ दिया।

मजदूर बनाकर फैक्टरी में उठवाया वजन

पीड़ित जमशेर ने बताया कि कुलुमपुर टीबीएस में शेंकी नाम का एक एजेंट उनको अपने घर ले गया। अगले दिन वह एजेंट उनको अमान जाया लेकर गया और वहां 10-15 दिनों तक एक फ्लैट में रखा। शेंकी ने उसे काम दिलवाने के नाम पर 10 हजार रुपए लिए और पैसे मिलने के बाद सिद्धू व मोनू के पास सालम नाम की जगह पर भेज दिया। वहां 20-25 दिनों तक रखा। वहां से उन्हें मॉल में काम दिलवाने का बोलकर एक फैक्टरी में भेज दिया। उस फैक्टरी में लोगों से 12 घंटों तक लगातार काम करवाया और 80 से 85 किलो वजन एक व्यक्ति से लगातार 10 घंटों तक उठवाया गया। वजन न उठाने पर मारा जाता था। उसके बाद चार-पांच दिनों तक जबरदस्ती काम करने व पीटने के बाद वह मौका देखकर फैक्टरी से भागकर एजेंट सिद्धू के घर चला गया। वहां सिद्धू ने यह कहकर मारपीट करना शुरू कर दिया कि वह फैक्टरी से भागकर क्यों आया है।

परिजनों को फोन कर मांगी फिरौती

पीड़ित जमशेर ने बताया कि सिद्धू ने उसके घरवालों के पास फोन किया और कहा कि जमशेर व उसका पासपोर्ट हमारे कब्जे में है। दो लाख रुपए छोड़ने के नाम पर फिरौती मांगी। डर के कारण उसके घरवालों ने सिद्धू के खाते में 62 हजार रुपए पासपोर्ट वापस करने के नाम पर डाल दिए और दो लाख रुपए रमन को नकद दिए। पैसे मिलने के बाद सिद्धू ने उसको मलेशिया में ही उसके हाल पर छोड़ दिया। फिर वह दूसरे एजेंट के जरिए भारत आया और अपने घर पहुंचा। जब उसने यहां आने के बाद आरोपी रमन से संपर्क किया और अपने पैसे वापस मांगे तो रमन ने उसको जान से मारने की धमकी दी। ऐसा करके आरोपियों ने उसके साथ छह लाख से ज्यादा रुपए की ठगी की। जांच अधिकारी सनेष कुमार ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।