Haryana: पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पारदर्शिता के मामले में हरियाणा की बीजेपी सरकार ने गत साढ़े 9 वर्षों के कार्यकाल में अनेक पहल की हैं, जिससे जनता लाभान्वित हुई है। हमनें सत्ता को भोगने की बजाय सत्ता को सेवा का माध्यम बनाया। साथ ही, तकनीक का सहारा लेते हुए व्यक्ति की बजाय सिस्टम को महत्व दिया और अंत्योदय के संकल्प के साथ आखिरी सांस तक हरियाणा की जनता की सेवा करते रहेंगे। मनोहर लाल हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने नए सीएम नायब सिंह सैनी के लिए करनाल की विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया।

पहली सीएम बने मनोहर लाल तो विपक्ष ने बनाई थी बातें

मनोहर लाल ने कहा कि उन्हें सदन का नेतृत्व करने का मौका लगभग साढ़े 9 साल पहले मिला था, लेकिन पहली बार जब वे मुख्यमंत्री बने तो उस समय विपक्ष के लोग कहते थे कि बतौर मुख्यमंत्री उन्हें कोई अनुभव नहीं है। इस विषय को लेकर वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले, तो प्रधानमंत्री ने कहा कि आप तो विधायक बन कर मुख्यमंत्री बने हैं, जबकि वे बिना विधायक बने मुख्यमंत्री बने थे। जिस प्रकार आज नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री बने हैं। सीएम बनने के बाद कुछ बातें तो जनता सिखा देगी, कुछ विधानसभा में विपक्ष के सदस्य सिखा देंगे। उन्होंने हमेशा हरियाणा की जनता की सेवा को ही सर्वोपरि रखा और हरियाणा एक-हरियाणवी एक के मूलमंत्र पर चलते हुए तकनीक के सहारे सिस्टम में सुधार करते हुए नागरिकों को लाभ दिया।

करनाल सीएम सिटी, नायब सिंह के लिए मनोहर लाल ने करनाल विधानसभा से दिया त्यागपत्र

मनोहर लाल ने कहा कि परिवर्तन जीवन का हिस्सा है और मोड़ आ जाएं, तो मुड़ना पड़ता है, इसे रास्ता बदलना नहीं कहते। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि हम न होंगे, कोई हम सा होगा, तो हमारे नायब सैनी जैसा होगा। प्रदेश में पहले भी उप चुनाव हुए हैं। नई व्यवस्था तक उपचुनाव वाली विधानसभा की देखरेख की जिम्मेवारी उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए संभाली। करनाल के लोगों ने दो बार उन्हें भारी मतों से जीताकर विधानसभा में भेजा और आज वे करनाल विधानसभा से अपना त्यागपत्र देते हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह करनाल विधानसभा की जिम्मेदारी संभालेंगे। संगठन जो भी जिम्मेदारी तय करेगा, उसका और भी ज़िम्मेदारी से वह निर्वहन करेंगे।