नारनौल। हरियाणा पुलिस अपनी कार्यशैली को लेकर अक्सर सुर्खियों में बनी रहती है। नारनौल में हादसे में जान गंवाने वाले युवा व्यापारी का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपने वाली पुलिस ने शव को लेकर श्मशानघाट जा रहे शव वाहन को रोककर मानवता को ही तार तार कर दिया। सड़क पर अचानक शव वाहन रोकने के बाद अंतिम यात्रा में शामिल परिजन व परिचित पुलिस के सामने गिड़गिड़ाते रहे, परंतु पुलिस टस से मस नहीं हुई और करीब 15 मिनट तक मोक्षवाहन शव के साथ सड़क पर खड़ा रहा। पुलिस को इस कृत्य की न केवल आलोचना हो रही है, बल्कि नारनौल व आसपास चर्चा का विषय भी बनी हुई है।
यह था मामला
शुक्रवार को बानसूर में अपने काम पर जाते समय दशमेश नगर निवासी 45 वर्षीय जयंत बसल मंढाणा के पास बाइक अनियंत्रित होकर गिरने से गंभीर रूप से घायल हो गया था। घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची व पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया था। जिसके बाद परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए शव रेवाड़ी रोड स्थित श्मशानघाट जाना था।
पुलिस लाइन के पास रोका मोक्ष वाहन
मोडावाला स्वर्ग आश्रम जाते समय जयंत बंसल की शव यात्रा जब पुलिस लाइन के पास पहुंची तो वहां वाहनों की चेकिंग चल रही थी। अन्य वाहनों के साथ पुलिस ने शव वाहन को भी रोक लिया और चखलक से दस्तावेज मांगें। जिससे शवयात्रा में शामिल गमगमी लोग अचानक सकपका गए। जिनमें से कुछ ने पुलिस को आपबीती बताते हुए शव वाहन छोड़ने के लिए गिड़गिड़ाते रहे, परंतु पुलिस कर्मी ने शव वाहन को बगैर कागजात चेक बिना आगे जाने से रोके रखा। करीब 15 मिनट तक यह सिलसिला चलता रहा। आखिरकार जब शव यात्रा में शामिल लोगों का दबाव बढ़ा तो वाहन को आगे बढ़ने की अनुमति मिली।
एसपी से कार्रवाई की मांग
चेकिंग के नाम पर शव वाहन को 15 मिनट तक सड़क पर रोके रखने को लेकर शहर में पुलिस की जमकर आलोचना हो रही है। लोगों ने एसपी से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में कोई दूसरा पुलिस कर्मी इस प्रकार किसी की संवदेनाओं से खिलवाड़ न कर सकें।